Aazad Mulk Ke Gulam Aadmi, By(Prof. Lakshamn Ojha ‘Bagi)

125.00

आज के बदलते परिवेश में जहां हम साहित्यिक गतिविधियों या रचनाओं से दूर होते जा रहे हैं और अपने आने वाली पीढ़ियों में पश्चिमी भाषा के प्रति आकर्षण में सीमटती जा रही अपनी मातृभाषा की अवस्था से उत्पन्न घुटन के बीच जीने को मजबूर है। कशमकश के इस दौर में तभी अचानक कोई ऐसा मिल जाता है जिसमें संभावनाएं भी हैं और भावनाएं भी जिसमें जैनेंद्र की तरह व्यवस्था पर प्रहार की कला भी है और कबीर की कबीरपंथी भी। वह हिंदी ग़ज़ल की रचना उसी कुशलता के साथ करते हैं जितनी कुशलता से भोजपुरी गीत या गजल का।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355352774
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years And Up
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

99 in stock (can be backordered)

SKU: book1154BCP Category:

Description

“प्रोफेसर लक्ष्मण ओझा “”बागी”” जी की। उनका जन्म 24 अप्रैल 1956 में बिहार के वर्तमान बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड के खरहाटार गांव के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में ही हुई थी बागी जी बचपन से ही रचनात्मक प्रवृत्ति के थे आगे चलकर वे भले ही राजनीति शास्त्र में एम०ए० कर के एक महाविद्यालय में प्राध्यापक बन गए किंतु साहित्य से उनका लगाव विशेषकर गजलो के प्रति बना रहा।
“”बागी”” जी भोजपुरी साहित्य प्रेमियों के बीच “”आधुनिक कबीर”” के नाम से जाने जाते हैं। वह जिस बेबाकी के साथ सामाजिक स्थितियों एवं समस्याओं का चित्रण अपने गीत एवं गजल या निर्गुण के माध्यम से किया है वह इस बात का प्रमाण है कि भोजपुरी कि यह धरा आज भी अपनी उर्वरा क्षमता के साथ “”बागी”” जैसे फसलों को पोषण देने में सक्षम है।”

Additional information

Dimensions 5 × 8 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.