Adhoore Sapne, By (Vasundhra Kumari Rajak)
₹149.00
“मेरी लिखी हुई कविताएं कुछ काल्पनिक है, तो कुछ मेरे सामने घटित घटना का साक्ष्य है ।
हम देख कर भी नजर अंदाज कर देते है कुछ ऐसी घटना भी इसमें सम्मिलित है, मैने आपने तरफ से छोटी सी कोशिश की है ।
दबी वेदनाओ को कहने की
मैने अपनी कविता में एक संदेश लिखा है ।
आपने शाहिद भाई के नाम, उनकी मां के नाम ।
कुछ पंक्तियां मैने उन अबलाओ के नाम लिखी है। जो हर रोज शिकार हो जाती है हैवानियत का, उनकी मासूम चीखों को महसूस किया है ।
दो शब्द प्रेम के लिखे है , कुछ बचपन की चटपटी बातें हैं।
कुछ सवाल भी लिखें है , कविता के ओट में मैं भावना लिख ती हूं ………
किसी के अधूरे सपने तो किसी की टूटी उम्मीदें है । साथी से बिछड़ने का दर्द!
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- ISBN-13 : 9789355357892
- Reading Age : 3 Years And Up
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
100 in stock (can be backordered)
Description
“हम ऐसी कहानी या कविता पढ़ना पसंद करते है। जिसकी एक पंक्ति पढ़ते ही सुकून की अनुभूति हो ऐसा लगे की जैसे ये कविताएं भानवाओ को बोल रही हो। हमे अपनी सारी पीढ़ा बताना चाहती हों …..
हमें कान लगा कर सुनना चाहिए और भाप न चाहिए उनकी भानवाओ को जो किताब में लिखी गई है ……
डूब जाना चाहिए उनके एक एक शब्दो में । मेरी किताब में भी कुछ ऐसी कविताएं है ।जो कहना चाहती है किसी निर्बल के दर्द को …………. आपको जरूर पढ़ना चाहिए ।
भावनाओं से भीगी हुई कलम कुछ आप से कहना चाहती है ।
एक बार पढ़ो और महसूस करो उन भावनाओ को ।
किताब के पन्ने में दबी मासूम चीखों को खुल कर पढ़ो ।
जो कविता आपको सिर्फ कहानी लगेगी वो कहानी नहीं है बल्कि किसी के जीवन में घटित घटना का सत्य है ।
आप सोचिए एक बार
कैसे कुछ लोग रोज पेट भरने के लिए संघर्ष करते है ।
उन मजदूरों के बच्चो के बारे में सोचिए जो कलम कॉपी छोड़ कर छोटी सी उम्र में हाथो कारोबार ले लेते है। 18 की उम्र में 30 के दिखाने लगते है , मैं आप से सिर्फ इतना कहना चाहती हू अगर आप कोई किताब पढ़ते हैं तो किताब ही नहीं पढ़ते हो अपितु !
किसी का जीवन पढ़ते हैं।
किताब में खिली वो कुछ घटनाएं जो कभी आपके सामने भी घटित हुई होंगी ।
शायद! उस वक्त आपका ध्यान न गया हो । मेरी किताब में
किसी के अधूरे सपने है और नादान बचपन की खट्टी मिट्टी यादे , किसी के बहन का संदेश है जो अपने भाई को देना चाहती है , साथ ही मां की वेदना है …. आंसू है सुरबला के ,
तो कुछ परियों की मनगढ़ंत कहानियां है कुछ सच्ची घटनाएं भी सम्मिलित है . यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध पर ..
मगर इन सब घटनाओं से थोड़ा ऊपर उठ कर देखते है। कुछ ऐसी घटना जो किसी का घर तबाह कर देती है , मासूम हाथो में अशिक्षा की तलवार दे दी जाती है ।
क्यों न हम कोशिश करे किताबी ज्ञान को जीवन में उतारने की एक अच्छा समाज बनाने की ।
जहां प्रेम करने की स्वतंत्रता हो, सम्मान हो और अधिकार हो , कोई गरीब न हो कोई अशिक्षित न हो …..
मै जब किसी छोटे बच्चे को भीख मांगते देखती हूं तो मेरा दिल भर आता है मैं सोचने पर मजबूर हो जाती हूं आखिर कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है अपने ही बच्चे से भीख कैसे मंगवा सकता है ।
उनकी आंखों में देख कर ऐसा लगता है जैसे इनका बचपन कोई जला रहा हो …
काश!
कुछ ऐसा होता की हमारे देश में कोई भिखारी न होता ……
सरकारें आती है जाती है मगर उनका ध्यान इन स्टेशन पर भीख मांग रहे बच्चो पर नहीं जाता है …
वो ऐसा क्यों नहीं सोचते इनका भी कोई भविष्य हो सकता है ।
भीख मांगना ही जीवन नही होता है कोई उन बच्चो के मां बाप को बताए और उनको सही रास्ता दिखाएं ….. किसी के सामने हाथ न फैलाए ….. कोई उनको भी
जीवन को सम्मान से जीना सिखाए…
उम्मीद है आप सब लोगो मेरी कविताओं को पढ़ोगे और कुछ सीखोगे और हमारी मदद करोगे समाज को स्वच्छ बनाने की …..
धन्यवाद!
वसुंधरा कुमारी रजक
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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