Ankahi Baten, By(Dasheram Dahariya)
₹190.00
“प्यार तो हर कोई करता है। इस दुनिया में इससे कोई भी छूटा नहीं है । जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे चेहरे बदलते जाते हैं और प्यार में कई नए रंग जुड़ते जाते हैं। कहानी मां बाप से शुरू होकर स्कूल के यार दोस्त अपना परिवार और रिश्तेदारों तक ही सीमित नहीं रहता अपना दायरा बढ़ाता जाता है । अपने जीवन साथी की तलाश में प्यार के सपने सबने संजोए होंगे । जीवन साथी से प्यार अपने बच्चों से प्यार तो सब करते हैं । इसका दायरा और बढ़ता- बढ़ता मातृभूमि ,पशु पक्षी और रुपया पैसा से होते- होते ईश्वर तक चला जाता है। यही जीवन की सच्चाई है।
मेरे इस किताब अनकही बातें में जीवन के उन्हीं पलों को संजोया हुआ है। आपको इसमें जीवन के हर वो रंग मिलेंगे जिसमें आप कभी न कभी जरूर रंगे होंगे । अनकही बातें आपके दिल को छू जाएगी, आपको गुदगुदायेगी और उन हसीन पलों की एहसास जरूर दिलाएगी । इस बात का मुझे पूरा भरोसा है।
Publisher : Booksclinic Publishing
Language : Hindi
ISBN-13 : 9789355358721
Reading Age : 3 Years And Up
Country Of Origin : India
Generic Name : Book
100 in stock (can be backordered)
Description
मैं दशेराम डहरिया अपर अभियंता के पद पर भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड में कार्यरत हूँ। भारत की नवरत्न कंपनी BHEL में सन 2007 में मुझे कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । मेरा जन्म छत्तीसगढ राज्य के बिलासपुर जिला के गाँव भनेशर,जयरामनगर में एक कृषक परिवार में सन 1975 हुआ । माता स्व. श्रीमती गौरी बाई गृहिणी तथा पिता स्व. श्री गौतम प्रसाद डहरिया छोटे किसान थे। चार एकड़ की खेती सात भाई बहनों के पढ़ाई के ख़र्चे, उपर से अकाल की मार,खेतों में सिचाई का अभाव कैसे गुजारा करते थे। मुझसे भला मेरा हाल कौन जान सकता है। पर माँ तो माँ होती है, सच कहूँ अपने बच्चों की किस्मत जो लिखती है। खुद तो पढ़ी लिखी ना थी, पर हम सब भाई बहनों को अच्छे से पढ़ाई। मेरी प्रारंभिक शिक्षा संत जोसेफ उच्च.माध्य. शाला भनेसर जयरामनगर से तथा तकनीकी शिक्षा गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कोरबा से हुआ ।मेरा रुझान बचपन से ही लेखन के प्रति रहा ।बचपन में पत्र लिखना और पढ़ना मुझे बहुत अच्छा लगता था । गाँव में चिट्ठी लिखवाने और पढ़वाने लोग अक्सर मेरे ही पास आते थे। मेरे इस किताब अनकही बातें में उन्हीं पलों का कुछ भाव है। उम्र के अंतिम पड़ाव में माता पिता की क्या इच्छा होती है जो वो कहना तो चाहतें हैं पर कह नहीं सकते। इस किताब के माध्यम से पहुंचाने की मेरी कोशिश है । इस किताब में बचपन से लेकर अब तक के पलों का अहसास है । आप भी अपनों से प्यार करते हैं, मेरे संग-संग दो पल महसूस कीजिए।
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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