Anubhav hi Vichar, By(Dwitiya, Adwait Shukla)
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मनुष्य के साथ घटित भिन्न – भिन्न घटनाओं से मिले अनुभव के द्वारा उत्पन्न विचारों को कविताओं के माध्यम से आप सभी से साझा किया गया है। जिसमे सुख, दुःख, अपना, पराया, विनती, आशा और निराशा हर तरह से जीवन को कैसे जिया है कैसे उन सब से मनुष्य ने अपने को उभारा है, उन सब विचारों का मेल आपको इसमें कविता के माध्यम से बताया गया है । आशा है आपको इससे अपनेपन का एहसास होगा।
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- ISBN-13 : 9789355358448
- Reading Age : 3 Years And Up
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
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Description
“मेरा नाम अद्वैत शुक्ल है।
मेरी माताश्री का नाम श्रीमती कमला शुक्ला (त्यागी) है और मेरे पिताजी श्री डॉ. सीताराम शुक्ल (त्यागी) है। मैं एक कविता लेखक हूँ, और मुझे लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मेरी दूसरी काव्य पुस्तक “”अनुभव ही विचार”” प्रकाशित हो रही है।
मैं अभी इंदौर शहर में रह कर कार्य कर रहा हूँ। और एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हूँ, अपने रोजमर्रा के कामों से समय निकाल कर कुछ कवितायेँ लिख लिया करता हूँ वैसे मुझे कविता लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैंने इस बार अपनी कुछ कविताओं को प्रकाशित करने का निर्णय लिया है जो की आप तक पहुँच रही है आशा है आप सभी को मेरे “”अनुभव ही विचार “”और मेरी कविताओं के शब्दों के अर्थ आपके दिल तक पहुंचें। “
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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