Anukaraneey Samjh : Vyaktitav Nirmaan ki Raah… by (M Kumar “Agyani”)

190.00

“””वर्तमान संघर्ष के दौर में युवा,बुजुर्ग और महिलाओं के लिए मददगार साबित होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुस्तक में चीजों को आसान भाषा और बहुत संक्षेप में समझाने का प्रयास किया है चूंकि जिंदगी की भागदौड़ में समय का बहुत अभाव है । पुस्तक में लेखों के साथ चित्रण लेख को भी सम्मलित किया गया है। जिससे पाठक को पढ़ने में आनंद आएगा। जो गागर में सागर का काम करेगी। शब्दों की गहराई को समझने में आसानी होगी तथा जीवन में चल रही उठापटक के लिए बहुत उपयोगी है। अनुकरणीय समझ का अर्थ अपनाने योग्य समझ या जीवन को सरल बनाने और अनचाही उलझने को दूर करने में मित्र की तरह व्यवहारिक है।
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  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : Hindi
  • Page : 152
  • Size : 5×8
  • ISBN-13 ‏ : ‎9789358230604
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years 
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

“”” जीवन परिचय

नाम मथुरेश कुमार गुर्जर (एम कुमार””””अज्ञानी””””) मेरा जन्म 15 नवंबर,1984 में राजस्थान में दौसा जिले के एक छोटे से गांव खोर्रा कलां में किसान परिवार में हुआ। शुरुआती जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है। छोटे से गांव से लेकर शहर तक का सफर इस दरम्यान तय किया है । मैने अकादमिक शिक्षा के क्षेत्र में बी ए,बी जे (एम सी),समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर, पी जी डी एल एल आई आर पी एम, पी जी डी जी सी, पी जी डी आई बी ओ और बीमा में फैलोशिप किया है। किसी देश की व्यवस्था की बुनियाद या सबसे निचला हिस्सा गांवों में निवास करता है। मै जब 10 वर्ष का था तब पिता जी की अपूरणीय क्षति हुई जिस के कारण परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा। लेकिन मां ने हौसला रखा और हम भाई बहनों को संघर्ष करना सिखाया। दोस्तों मां से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नही है। चलने से लेकर कामयाबी तक के सफर में मां की अहम भूमिका रहती है। आज मां भी दुनिया में नही है पर उनके संस्कार और यादें आज भी जिंदा है। अगर आप को लगता है आप कुछ नही हो तो मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि आप बहुत कुछ हो। कुछ करने का इरादा रखो हासिल तो होकर रहेगा। सभी इंसानों में कुछ ना कुछ तो अलग और अच्छी चीजें होती हैं। जिन्हे हमे ग्रहण करना चाहिए। पुस्तक में जीवन की उलझनों को सहजता से व संक्षेप में सुलझाने का प्रयास किया गया है । आप पढ़ोगे तो पाओगे की वाकई में जीवन में चल क्या रहा है और चलना क्या चाहिए?”””

Additional information

Dimensions 5 × 8 cm

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