Bar-e-Ishq by (Dharmendra Baul)

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“यह पुस्तक कोई रचना नहीं , ना ही यह कोई मेरा प्रयास, यह तो मात्र प्यास है उस इश्क़ की जो अमीर खुसरो साहब ने अपने गुरु निज़्जामुदिन ओलिया से किया | इश्क़ गूँगा है दोस्तो, कहने मे तो असमर्थ है, लेकिन गुनगुनाने मे असमर्थ नहीं, और यही बेभूज बांवलापन है इश्क़ का | इश्क़ की महिमा अपरमपार है दोस्तो…
“दुख धर्म की दाई है,
इश्क़ धर्म का यम,
बस, दाई और यम के बीच धर्म की पूरी कहानी है |”
भगवान बुद्ध ने कहा है दुख धर्म का जन्मदाता है और भगवान रजनीश ने कहा है इश्क़ धर्म का अंतिम पड़ाव है | इश्क़ मे डूबते ही आदमी धर्म के भी पार चला जाता है | फिर वहाँ से लौटने का कोई उपाय नहीं – “Point Of No Return” जहां नमक का पुतला अस्तित्व के सागर मे विलीन होकर सागर से एक हो जाता है | जहां सारे ध्वंध समाप्त हो जाते है |
१३ वी सदी के महान सूफ़ी संत (भगवान) अमीर खुसरो साहब ने भी इसी कीमिया को अपने ही अंदाज मे कुछ इस तरह कहा है …

“खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा
की धार |
जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा
सो पार ||
रजनीशम शरणम गछामि |
इश्क़म शरणम गछामि |
सूफ़ीस्म शरणम गछामि

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing (11 November 2022)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 43 pages
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355356789
  • Reading age ‏ : ‎ 3 years and up
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 5.2 × 8.2 cm

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