Dhoop Hi Dhoop Hai Jis Taraf Dekhiye, By (Suniti Bais)

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“ग़ज़ल, काव्य साहित्य की एक ऐसी लोकप्रिय विधा है कि इसने सिर्फ़ उर्दू शाइरी ही को मालामाल नहीं किया है बल्कि इसका प्रभाव हिन्दोस्तान की विभिन्न भाषाओं पर भी बहुत गहराई तक पड़ चुका है। हिंदी, सिंधी, पंजाबी, बंगाली, मराठी, कश्मीरी, गुजराती और क्षेत्रीय बोलियों तक में ग़ज़ल का रिवाज आम हो गया है।

यह सच है कि अपने आरम्भिक दौर में ग़ज़ल पर फ़ारसी का असर काफ़ी गहरा हुआ करता था क्‍योंकि यह फ़ारसी से ही उर्दू में या कहें कि हिन्दोस्तान में आई थी। लेकिन यहाँ पर यह फ़ारसी का चहरा बनकर ही नहीं रह सकी बल्कि हिन्दोस्तानी तहज़ीब का एक जलवाए-सदरंग बनकर अपनी छटाएँ बिखेरने लगी। क्‍योंकि इसने हमारे लोकगीतों की परम्परा, यहाँ के मौसम, धर्म और त्यौहार, मेले-ठेले, रस्मो-रिवाज और ज़िदगी के हज़ारों उतार चढ़ावों की दास्तानें अपने में समेट कर रख ली हैं। हिंदी में तो ग़ज़ल के नुकूस काफ़ी पहले से दिखाई देने लगे थे लेकिन पिछली सदी के आठवें दशक में ग़ज़ल ने नई बुनियादों पर पक्की दीवारें खड़ी करना शुरू कर दिया था, जो आज एक शानदार और ख़ूबसूरत महल का रूप ले चुकी है।”

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : ‎  Hindi  
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355358073
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years And Up
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 5 × 8 cm

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