Doli Armaanon Ki( Vikalang Parak Hindi Kavya Sangrah), By(Dr. Raghvendra Kumar Dubey)
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“डोली अरमानों की” कुछ प्रसंग मानव हृदय को ऐसे स्पर्श कर जाते हैं कि उन्हें अभिव्यक्त किये बिना रहा नहीं जाता । ऐसा ही एक अवसर मुझे मिला विकलांग चेतना परिषद् के द्वारा आयोजित विकलांग भाई बहनों के सामुहिक आदर्श विवाह के आयोजन में शामिल होने का। ऐसे आयोजनों की वर्तमान समाज में आवश्यकता है । समाज में कहीं कहीं देखने को मिलता है कि लोग विकलांगो के प्रति उपेक्षा का भाव रखते हुए उनके जीवन के प्रति उदासीन हो जाते हैं । ऐसे में उन्हें जीवन साथी देकर समाज के मुख्य धारा में जोड़ने का यह प्रयास वास्तव में अनुकरणीय ही नहीं स्तुत्य है । मुझे लगा कि उनके मन में जीवन साथी के लिए कैसे भाव उमड़ते होंगे? और जीवन की कठिनाईयों से वे कैसे जूझते होंगे?, और ऐसे आयोजनों के लिए उन्हें कैसे लगता होगा ? बस इन्हीं भावनाओं ने डोली अरमानों की सर्जना की है । इसमें मुझे कहाँ तक सफलता मिली है? ये तो सुधि पाठक जन ही बता सकेंगे ।
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- ISBN-13 : 9789355359308
- Reading Age : 3 Years And Up
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
100 in stock (can be backordered)
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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