Falgu Teere : Magahi Kavita, Geet Sankalan by (Narendra Singh)
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मन के बात
मन में बड़ी गुदगुदी हे कि मगही में भी एगो कविता संगरह ” फल्गु तीरे” (मगही कविता -गीत संगरह) जे हम्मरा 68 वसन्त पर 68 रचना एकरा में हे, अपने के बीच आ रहल हे। हिंदी में तीन गो संगरह पर जेतना मन तिरिप्त नञ होल हल, ओकरा से ज़ादे मन में तसल्ली एगो मगही पुस्तक लिखे में मिलल।सभे लोग बाग से निहोरा हे की ई पुस्तक जरूर पढ़थी। हम्म तो कहवै की सभे कविता, गीत, होली, प्रातःकाली ठीके हे, पर हम्मरा कहे से का होतई, हम्मर रचल हय तो हम्म खराब थोड़े ही कहवै। अप्पन दही के खट्टा कहीं कोय कहs हे ।तोहनी जे पढ़ के कहथिन ओहि हम्म मानवई की अछा हय खराब हय। आलोचना, समालोचना, अछा, दब, बड़ाई अउ निंदा तभिये कर सकs हs, जखनी ई किताब पढ़बs। बिना पढ़ले कोय धारणा बनावल किताब के साथ इंसाफ नञ होतई। हम्म त एहि कहवै की 68 गो कविता, गीत आउ 23 गो हाइकु में दु चार भी तोहरा अछा लगतै, तो हम्म अप्पन के धन समझवै। पढ़के जरूर प्रतिक्रिया दिहs, ओकरे पर आगे मगही लिखे पर विचार अविचार हम्म कर सकब । फिनु दुनों हाथ जोड़ के निहोरा करs ही की ई किताब “फल्गु तीरे”जरूर पढ़िहs।
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Magahi
- Page : 119
- Size : 5.5×8.5
- ISBN-13 : 9789358230451
- Reading Age : 3 Years
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
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Description
“नाम: नरेंद्र सिंह
पिता: स्व. मथुरा सिंह
माता: स्व. दुलारी देवी 1
जन्मतिथि: 04.03.1956 (जुड़वा भाई)
भाई बहन: तीन भाई, दो बहनें
जन्मस्थान: मोहनपुर, अतरी गया
शिक्षा: एम ए (भूगोल 1978-1980), एल एल बी, एम बी ए,
पूर्व जीविका: पंजाब नेशनल बैंक से वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त
सृजन: 1. मन की लड़ियाँ (हिंदी काव्य संकलन)
2. हर पन्ना कुछ कहता है (हिंदी काव्य संकलन)
3. शब्दों की गूँज (हिंदी काव्य संकलन)
सम्प्रति: काव्य रचना, लेख, कथा व्यंग्य लिखना ।
सम्पर्कसूत्र: narendrasingh40872@gmail.com
Additional information
Dimensions | 5.5 × 8.5 cm |
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