Jeev aur Jeevan by (Prakash Chandra Seth)
₹150.00
“राम राम,
प्रिय,आदरणीय पाठक गण,
‘जीव और जीवन’ को लेखक का लिखने का मूल उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियां ब दिन प्रतिदिन धर्म के नाम पर बढ़ता अंधविश्वास, और सामाजिक वैमनस्यता और बढ़ती जाती जात-पात की कट्टरता, के ऊपर एक सद प्रहार है, धर्म जीवन में जरूरी है पर कितना ? जितना कि मनुष्य के लिए जीने के लिए भोजन की जरूरत है, बस इतना, अधिकता चाहे धार्मिक हो, सामाजिक हो,य फिर राजनैतिक इनकी वेमेल व अंध एकता ,जब वह मर्यादा विहीन हो जाती है, तो सभी समाज के लिए घातक होती है,इसी तरह से सनातन धर्म के सद ग्रंथों के प्रसंग ब समाज में फैली उनकी कहानियां व कथाएं मेल नहीं खाती लोग बाग तोड़ मरोड़ कर उन्हें पेश कर देते जो कि एक गलत परंपरा है लेखक ने अपने अनुभव व विश्वास से उन पर सात्विक प्रकाश डालने की कोशिश की है और एक सद प्रयास मात्र है ।
जय राम जी की”
- Publisher : Booksclinic Publishing (06 September 2022)
- Language : Hindi
- Paperback : 82 pages
- ISBN-13 : 9789355354655
- Reading age : 3 years and up
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
100 in stock
Description
“लेखन परिचय’
परम आदरणीय सुधि पाठक गण,
मुझे लेखन की आदत सनातन धर्म के ग्रंथों का स्वाध्याय करते- करते हो गई, उनके प्रसंग पर कोई ना कोई विचार लिखता था, बाद में उन्हीं विचारों को ,सूक्ष्म से विस्तार , कर कुछ छंद मुक्त कविताएं लिखी है, ज्यादातर व्यंग्यात्मक शैली में , इसी तरह से देश की समस्याएं ब वर्तमान मैं सामाजिक राजनीतिक घटनाक्रम पर भी थोड़ी बहुत कलम स्वयं के विश्वास से चलाने की कोशिश की है, दोस्तों मेरा जन्म इस बार जिस ग्राम ‘बामोर डामरोन’ में हुआ है वह बहुत ही समरस समाज एवं सहधर्मी वा हिल मिलकर रहने वालों का गांव है अभी तक, आगे राजनेताओं की मर्जी, लेखन में ग्रामीण वोली बुन्देलखण्डी भी मिलेगी, एवं देवनागरी लिपि में कुछ वर्तनी त्रुटियां होगी उनके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं । शेष कुशल,कवि और विचारक,
प्रकाश चन्द्र सेठ ।”
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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