Kalam ki Kalpnaen, By(Deep Gagan Pareek)
₹160.00
“ये पुस्तक नहीं एक भावों का भवसागर है । ये कविताओं और शायरी का एक सांझा संकलन है l इसमें आपके दिल के करीब रह रहे अनेकों अनेक विषयों को छूकर स्पंदन करने का प्रयास किया गया है l इसमें भले भाषा की बारीकी वर्तनी शुद्धिकरण पर इतना जोर नहीं दिया गया हो लेकिन ये भाव पूर्ण अवश्य रूप से है ये आपकों अपने शब्दों के अनूठे जादू से साहित्य के समुद्र में अवश्य गोता लगवा देगी। आप इसे पढ़कर अपनी बेशकीमती सुझाव अवश्य भेजें । आपके प्यार एवं स्नेह हेतु उत्सुक
दीप गगन पारीक
pareekdeepuu@gmail.com”
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- ISBN-13 : 9789355359148
- Reading Age : 3 Years And Up
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
99 in stock (can be backordered)
Description
“परिचय
दीप गगन पारीक ( गगनदीप पारीक ) कविता विषय के प्रथम कक्षा के विद्यार्थी है। इनका जन्म 07 जुलाई 1993 को श्रीमती विमला पारीक एवं श्री सत्यदेव पारीक के घर गांव 34 एलएनपी, पदमपुर श्री गंगानगर राजस्थान में हुआ।
परिवारिक पृष्ठभूमि :-
पिता स्व. श्री सत्यदेव पारीक पेशे से एक किसान थे माता श्रीमती विमला पारीक एक कुशल ग्रहणी है एवं ये पांच बहनों के इकलौते भाई है। इनकी शादी 10 फरवरी 2019 को सुनीता पारीक से हुई एवं इनकी एक पुत्री विहा पारीक है।
शिक्षा –
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के नीजि विद्यालय से हुई। उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा बाल चेतना स्कूल बिंझवायला से हुई एवं स्नातक व स्नातकोत्तर जिला मुख्यालय के नीजि कॉलेज से हुई एवं विशेष शिक्षा में डिप्लोमा श्री जगदम्बा अंध विद्यालय श्रीगंगानगर से प्राप्त किया। वर्तमान में राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग में विशेष शिक्षक पद पर कार्यरत है ।
साहित्यिक जीवन :-
बचपन से ही पढ़ने की रुचि ने लिखने का कब रूप लिया पता नहीं चल पाया। पहली कविता पिता के स्वर्गवास के पश्चात उनको समर्पित करते हुए लिखी उसके बाद बतौर विद्यार्थी ये सफ़र निरन्तर जारी है। इन्होंने कई वर्षों तक भिन्न भिन्न पत्र पत्रिकाओं एवं टीवी चैनलो में पत्रकारिता का कार्य किया। “
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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