Kavya ki Pagdandiyon Se Guzarte hue : Sajha Sankalan by (Meera Aarchi Chauhan)
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काव्य की पगडंडियों से गुजरते हुए सन् 1993 में बिछड़े सहपाठी मित्रों की कविताओं का अनूठा संग्रह है,जिसमें विभिन्न विषयों पर कविताएं लिखी गई है|नि: संदेह ये कविताएं पाठकों को प्रेरित करेगी|
- Publisher : Booksclinic Publishing (19 November 2022)
- Language : Hindi
- Paperback : 104 pages
- ISBN-13 : 9789355356635
- Reading age : 3 years and up
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
100 in stock
Description
मीराआर्ची चौहान- कांकेर प्राकृतिक हरीतिमा से ओतप्रोत जगह है,जहाँ स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद आप जगदलपुर एम.एस-सी. करने गईं |आकाशवाणी से इनकी कविताएं प्रसारित होती रही|25 साल बाद जब इनकी काव्य संग्रह अंशु प्रकाशित हुआ तो बी.एस-सी. के मित्रों ने कहा कि हम सबकी रचनाओं का साझा – संकलन प्रकाशित होना चाहिए फिर आपने संपादक का कार्य कर काव्य की पगडंडियों से गुजरते हुए प्रकाशित करवाने की ठानी और पेश है यह 11 मित्रों का साझा -संकलन |मीराआर्ची चौहान 2018 में राज्य शिक्षक सम्मान एवं 2022 में गजानन माधव मुक्तिबोध सम्मान के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनगिनत सम्मान प्राप्त लब्ध प्रतिष्ठित कवयित्री हैं|वे वर्तमान में कांकेर जिले के शा. उ. मा. वि. डुमाली में रसायन शास्त्र की व्याख्याता हैं|
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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