Khilaqat Ka Raaz : The Secret of Universe Creation Ek Dharm – Ek Marm by (STR Naqvi)

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“इस किताब की तालीफ़ (संकलन / Complation) का मकसद सिर्फ और सिर्फ इतना है कि आज तमाम मज़ाहिब (धर्मो / Religions) के लोगों के दरमियान / मध्य एक अन्जानी या जानी-बूझी जो नफ़रत दिलों में बढ़ गई है, किस कदर बेमानी और बेमक़सद है, जिससे तमाम आलम-ए-इंसानियत को नुक़सान पहुँच रहा है। इस वजह से एक इंसान दूसरे इंसान का ला-इल्मी / अज्ञानता की बिना पर दुश्मन बनता जा रहा है। इस दुश्मनी की बुनियाद सिर्फ उसकी जुबान / भाषा, पहनावा / वेश-भूषा और उसका इबादत करने का तरीका / पूजा-पद्धति है। वक़्त और जगहों की दूरी बढ़ने के साथ-साथ इस तरह के बदलावों का पाया जाना एक फ़ितरी / प्राकृतिक वजह है। अपनी अज्ञानता के कारण हम कहीं अल्लाह / खुदा को परमेश्वर / ईश्वर से, परमात्मा को नूरे-जाती/वजुल्लाह या Highest Spirit से, प्रजापति / इन्द्र को हज़रत मुहम्मद से और रूद्र / आदित्य को हज़रत अली से तो नहीं लड़ा रहे हैं जबकि वे सब आपस में एक ही हैं। उनके नाम, वक्त, जगह और जुबान के लिहाज़ से किरदार / रोल बदले हुए हैं। पूरी किताब में यही बताने की कोशिश की गई है कि अल्लाह ने इन्हीं चौदह आलीन / देवता (जिनमें एक देवी है) जिनके सात नाम हैं, को ख़ल्क किया है ताकि वो हर ख़िलकृत ( अल्लाह के एक दिन) में निज़ाम-ए-कायनात सम्भालें और दिन या ‘कल्प’ के ख़त्म होने पर तमाम पैदा किये गये इंसानों को परवरदिगार/परमात्मा के सामने उनके आमाल / कर्म-पत्र के साथ पेश / प्रस्तुत करें, उसको यह बता सकें कि दुनिया में किसके क्या आमाल/कर्म थे। उसकी बिना पर ही लोगों को निजात / मोक्ष, जन्नत/स्वर्ग या जहन्नुम / नर्क में भेजा जायेगा । उस वक्त इन्सानियत ही धर्म की सबसे बड़ी कसौटी होगी और संसार में एक इन्सान का दूसरे इन्सान के प्रति आड़ / बरताव और एक दूसरे की मदद ही धर्म का मूल आधार होगा। एक हज़ार ख़िलक़तों तक यह सिलसिला जारी रहेगा और फिर भी अगर इंसान जुलमत/ तामसिक शक्तियों का ही शिकार रहता है तो फिर शायद अन्य अनेकों ग्रहों की तरह इस ग्रह को भी ऊपर वाला ब्लैक-होल में डालकर हमेशा-हमेशा के लिये ख़त्म कर दे । इसीलिये यह अति आवश्यक है कि जो इल्हामी-किताबों (दव-वाणियों /Scriptures) भेजी गई हैं उनके गूढ़ – अर्थो, उसमें दिये गये राजों को समझना चाहिए । अब इस आधुनिक / Advanced ज़माने के पंडित / उलेमा / Scientist ( वो लोग जो ख़िलक़त की जानकारी रखने वाले हैं ) सब सर से सर जोड़कर बैठें और इंसानों के बीच मज़हब, धर्म और Religion को उनके सही मायनों में समझने और समझाने की कोशिश करें। अभी तक जो इन किताबों को उनके सही अर्थो में नहीं समझा गया है, की वजह से जो गलतफ़हमियाँ और नफ़रतें पैदा हुई हैं, उनको मिटाया जा सके। आज दुनिया को One God One Religion का पैगाम पहुँचना बहुत ज़रूरी हो गया है। अगर ऐसा हो सका तो दुनिया फिर एक शानदार गुलिस्ताँ की तरह खिल सकती है, महक सकती है।
वस्सलाम !
एस. टी. आर. नक्वी
चीफ इन्जीनियर (रि.)
9457891198
KHILQAT KA RAAZ

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing (06 August 2022)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 410 pages
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355352095
  • Reading age ‏ : ‎ 3 years and up
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 5.5 × 8.5 cm

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