Mai Bunti Bol Rahi Hoon, By( Manisha Gupta ‘Bunti’)

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हिन्दी कविता संग्रह ‘मैं बंटी बोल रही हूं’ कवयित्री मनिषा गुप्ता ‘बंटी’ की सद्य: प्रकाशित प्रथम काव्य कीर्ति है।इस संग्रह में मानव मन के विविध एषणाओं का मनोरम चित्रण हुआ है।
जो लोग प्रकृति,प्रेम और उस परम तत्व के अन्वेषक हैं उन पाठकों के लिए यह संग्रहणीय है।इसमें भावनाओं का ज्वार, सुमधुर अभिव्यक्ति का विस्तार और कल्पनाओं का सुंदर समाहार है।”

Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing
Language ‏ : ‎ Hindi
ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355356277
Pages No. :  104
Country Of Origin ‏ : ‎ India
Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

” जल,जंगल और जमीन के त्रिष्टुप से आवेष्ठित झारखंड की सुरम्य प्राकृतिक संपदा संपन्न धरती लातेहार में कवयित्री मनिषा गुप्ता ‘बंटी’ का जन्म हुआ है।जिसका स्पष्ट छाप इनकी कविताओं में उभर कर आया है।
प्रकृति में प्रेम और प्रेम में प्रकृति का चित्रण करने वाली ये काव्य कृति स्वयं में एक धरोहर है। इसमें मानव मन के उन भावनाओं को भी स्वर मिला है जो अबतक अनकही रही।
‘मैं बंटी बोल रही हू’ के माध्यम से कवयित्री अपने मन की बात के साथ वैश्विक चेतना को भी झंकृत किया है। यहां पर यदि मनोरम पहाड़ है तो सिंह की दहाड़ भी है।एक ओर जीने की लालसा है तो दुसरी ओर होने की उत्कंठा भी है।
कवयित्री ने इस रचना संसार में अपनी सजग कल्पना,उदात भावना और जीवन की एषणा को मुखर किया है।”

Additional information

Dimensions 5 × 8 cm

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