Mantra Bolte Hain Bhagya Kholte Hai, By(Ashok Vyas)
₹199.00
लेखक अशोक व्यास का कहना है कि मंत्र के बारे में सब कुछ लिखने बैठूं तो पूरा ग्रन्थ तैयार हो जाएगा। इसमें बहुत सी बातें या तो समझ नहीं आएंगी या समझ भी गए तो दैनिक जीवन में एक आम आदमी के लिए ये बातें काम की नहीं रहेंगी। इसलिए बेहतर है कि हम मंत्रों की वो सरल बातें ही जानें जिसका लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सकें। इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य यही है कि हम मंत्रों को सरल भाषा में न सिर्फ समझ सकें बल्कि बेहतर तरीके से उसका उपयोग कर अपने जीवन में इन मंत्रों का लाभ भी उठा सकें। महत्वपूर्ण यह नहीं कि मंत्रों का रहस्य क्या है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि हम मंत्रों की ताकत को समझें। मंत्रों की कुछ सरल और बारीक बातें हम जानते तो हैं पर जानकर भी अनजान बने रहते हैं। इसी कारण पूरी जिंदगी मंत्र करते हैं फिर भी उचित फल नहीं मिल पाता। मैं कुछ ऐसी बातें इस पुस्तक में सामने ला रहा हूं जो आपकी जिंदगी की दिशा और दशा बदलने में कारगर साबित होंगी। मैं तो मंत्रों पर पूरा भरोसा करता हूं। आप भी आजमाकर देखें, शायद भाग्य ही बदल जाए।
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- ISBN-13 : 9789358234671
- Reading Age : 3 Years
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
1000 in stock (can be backordered)
Description
“मेरे माता-पिता, भाई, बहन, भाभी, जीजाजी, बहनोई और आप सभी बड़ों के आशीर्वाद से मेरी आठवीं पुस्तक ‘ मंत्र बोलते हैं, भाग्य खोलते हैं ‘ आपके हाथ में है।
हम सब जानते हैं कि हमारे जीवन में मंत्रों का क्या महत्व होता है पर अधिकांश लोगों को यह पता नहीं होता कि मंत्रों का जाप किस तरह किया जाना चाहिए। मैंने इस पुस्तक में बेहद सरल भाषा में मंत्रों का वह तरीका बताया है जो हमारा भाग्य बदलने की सामर्थ्य रखता है।
इसके पहले मेरी कविताओं की पुस्तक ‘साक्षी’ ‘साक्षी-2’ ‘ साक्षी-3’ ‘साक्षी-4’ तथा ज्योतिष पर पुस्तक ‘समस्याएं आपकी समाधान हमारे’ के अलावा पूजा पर पुस्तक ‘समस्त व्रत पूजा विधान’ के अलावा सत्यनारायण व्रत कथा प्रकाशित हो चुकी है।
पुस्तक ‘ मंत्र बोलते हैं, भाग्य खोलते हैं ‘ लिखने में मेरी धर्मपत्नी श्रीमती बबीता व्यास ने मुझे अनन्त सहयोग किया है। उनके सहयोग के बिना लिख पाना मेरे लिए संभव ही नहीं था। नए-नए विषयों पर लिखने के लिए वे मुझे हमेशा प्रेरित करती रहती हैं। मैं उम्मीद करता हूं जिस तरह आपने मेरी पिछली सातों पुस्तकों को प्यार दिया है उसी तरह इस पुस्तक को भी खूब प्यार देंगे। मेरे इस कार्य में जिन्होंने भी मेरा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग किया है मैं हृदयतल से उन सबका आभारी हूं।”
Additional information
Dimensions | 5.5 × 8.5 cm |
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