Manvi by (Binny Shrivastava)
₹195.00
अक्सर कुछ ऐसी घटनाएँ हमें देखने, सुनने या फिर पढ़ने को मिल ही जाती है, जो हमे अंदर तक झकझोर के रख देती है, और साथ ही ये सोचने पे मजबूर कर देती है, कि क्या स्वतंत्र भारत की नारी आज पूरी तरह स्वतंत्र है? जवाब आपको मिला-जुला ही मिलेगा, हर किसी की राय अलग होगी। लेखक के विचार से स्वतंत्र आपको कोई और नही बनाता बल्कि आपकी खुद की सोच समझ, बुद्धि, मेहनत और सबसे जरूरी हिम्मत, आपको स्वतंत्र या फिर आज़ाद बनाती है। मानवी इस किताब में लेखक के द्वारा पाँच ऐसी कहानियों को पेश किया गया है, जो सत्य घटनाओं से प्रेरित है, पर पूरी तरह काल्पनिक है। किसी भी घटना, जीवित या मृत व्यक्ति से इसका मिलना महज एक इत्तफाक ही हो सकता हैं। इस किताब में स्त्री के अलग-अलग भाव-भावनाए, सोच-समझ, बुद्धि-ज्ञान, मेहनत-हिम्मत और उनके गम और खुशी को लेखक ने अपनी शौली में प्रस्तुत करते हुए पाठको से जुड़ने का प्रयास किया है।
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- Page : 117
- Size : 5.5×8.5
- ISBN-13 : 9789358230468
- Reading Age : 3 Years
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
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Additional information
Dimensions | 5.5 × 8.5 cm |
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