Meri Bagiya Ke Phool (kaavy sangrah) by Acharypratap

199.00

मेरी बगिया के फूल’ यह शीर्षक रखने का प्रमुख उद्देश्य यह रहा कि जिस प्रकार से बगिया में विभिन्न प्रकार के फूल जैसे गुलाब, कमल, नीलकमल, ब्रह्मकमल, गेंदा फूल, सूर्यमुखी, चमेली, चम्पा, सोन चम्पा, नाग चम्पा, मोगरा, कनेर, रात-रानी, गुड़हल, जास्वंद, कुमुदनी, सदाबहार, कन्द पुष्प, इत्यादि उपलब्ध होते हैं जिसमें कुछ फूल ऐसे भी होते हैं जिनमें सुगंध तो नहीं होती लेकिन बगिया को सजाने में सहयोग करते हैं और बगिया की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं, ठीक उसी प्रकार से मैंने अपनी समस्त रचनाओं में से कुछ रचनाएँ प्रत्येक विधा में जो भी मैंने अब तक सीखी और लिखी हैं उन सभी को एक पुस्तक का प्रारूप देकर समाज में लाने के एक प्रमुख उद्देश्य से यह कार्य किया है।
इस पुस्तक में मैंने मुक्त कविताओं से आरंभ कर छंद कविताओं तक की यात्रा के मार्ग में जो जो छंद रूपी पड़ाव आए हैं उन सभी में से कुछ अंश इस पुस्तक में प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसमें दोहा, रोला सोरठा, चौपाई, कुण्डलियाँ, कुण्डलिनी, कहमुकरी सहित अन्य सनातनी छंद जैसे सार छंद , सारसी, विजात , विधाता, लावणी , कुकुंभ सहित अन्य छंदों की कुछेक रचनाएँ इस पुस्तक में रखी गयीं हैं , बस इसीलिए इस पुस्तक का नाम ‘मेरी बगिया के फूल’ दिया, क्योंकि जिस प्रकार से बगिया में तरह-तरह के फूल होते हैं ठीक उसी प्रकार से मेरी विभिन्न रचनाओं को विभिन्न विधाओं में इस पुस्तक में प्रस्तुत कर रहा हूँ जिससे पाठक पढ़कर इसका आनंद ले सकते हैं और इस पुस्तक को इस रूप में लाने के लिए अब तक में लगभग चार से पांच वर्ष लगा।
अपने गुरुदेव और जिन-जिन विद्वानों से मैंने यह सब कुछ सीखा उन सभी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ एवं सभी पाठकों व सुधिजनों का आभार सहित धन्यवाद।
– आचार्य प्रताप

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : Hindi
  • Page : 130
  • Size : 5×8
  • ISBN-13 ‏ : ‎9789354260018
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years 
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 5 × 8 cm

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