Meri Kalam Se Mere Vichar, By(Vinesh Kumar)

99.00

यह बुक मैंने अपने चेतन मन द्वारा अपनी जिंदगी में हुए पहलुओं को देखकर व सोच समझकर लिखी है। जो एक नए युग के लिए नई युवा पीढ़ी को अग्रसर करेगी। यह किसान वर्ग, राजनेता, अभिनेता, अधिवक्ता, विद्यार्थी, बच्चे, बुजुर्गों, मजदूर वर्ग सभी के लिए एक उद्देश्यपूर्ण ज्ञान को दर्शाती है और ख़ुशी की बात यह है कि, इसको रुचिपूर्ण बनाने के लिए बीच – बीच में युवा व सेर प्रेमियों के लिए सेर भी लिखे गए हैं। ताकि पढ़ते वक्त कोई भी पुस्तक प्रेमी ऊबे न। यह विचारों में भरपूर है। इसके सेर में भी कोई – न – कोई विचार जरूर मिलेगा। यह सुआचरण व दुराचरण दोनों के महत्व की किताब है। इसकी भाषा भी सरल व साफ़ है , जिससे हर व्यक्ति आसानी से पढ़ व समझ सकता है। यह उनके लिए भी है। जो जिंदगी को जिंदगी की तरह नहीं जीते और अपने को दुसरो से ऊपर उठाने के लिए दुसरो की लकीर को छोटा दिखाने का काम करते है और ऊपर ग्रोथ कर रहे व्यक्ति की टॉँग खींचने में लगे रहते है , पैसे की खातिर किसी का सम्मान भूल जाते है तो प्रकृति को नुकसान भी पहुंचाते है , उन्हें ऐसा जिंदगी के किसी भी मोड़ पर नहीं करना चाहिए।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : Hindi
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789389757996
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years 
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

मैं एक किसान का बेटा हूँ। साथ ही एक अच्छा विद्यार्थी हूँ। मुझे प्रकृति से अति प्रेम है। मनुष्यों से भी ज्यादा और फिर लेखन कार्य में अपने विचार व विचारों के माध्यम में सेर भी लिखने का शौक है । मेरे इस संघर्षपूर्ण जीवन में मेरे पिता, मेरी माँ और मेरे भाई का पूरा सहयोग मिला है। इसी के साथ मेरे शिक्षकों का, मेरे मित्रों का, मेरे अपने चहेते व्यक्तियों का और इस कायनात का भी सहयोग मिला है। मैं गंगा माँ व यमुना माँ के बीच एटा ( दोआब क्षेत्र ) का हूँ। यहाँ की मृदा बहुत उपजाऊ है। मेरे अंदर एक शक्ति है। वो यह है कि मैं कम बोलता हूँ। सोच समझकर बोलता हूँ और अच्छा आचरण रखने के लिए सच्चाई व ईमानदारी, वफ़ादारी जैसे पहलुओं को नहीं भूलता। मैं ऐसी बात कोई नहीं बोलता जिससे किसी को ठेस पहुँचे। मैं शांतप्रिय व्यक्ति हूँ। यही वजह है कि लोग कहते है। सीधा है, बोलता नहीं है। कौन कहता है , कि मैं बोलता नहीं, बोलता तो बहुत हूँ। लेकिन कहता नहीं हूँ। मैं एकेश्वरवादी हूँ और मैं प्रकृति को भगवान मानता हूँ। मैं देश – विदेश के महान व्यक्तियों से प्रभावित होकर उनके विचारों का पालन करता हूँ। मैं महान लोगो से ज्यादा उनके विचारों पर विश्वास करता हूँ।

Additional information

Dimensions 5 × 8 cm

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