Moti Bikhar Gaye(Dvipadi Sangrah), By(Dr. Ranjana Verma)
₹185.00
प्रस्तुत पुस्तक द्विपदी (शे’र) संग्रह है । द्विपदी अर्थात दो पंक्तियों की छोटी कविता । दो पंक्तियों में मन की समस्त भावनाओं को व्यक्त कर देना बहुत सहज या सुकर नहीं होता । डा. रंजना वर्मा की द्विपदियां उनके मन में उठने वाले ऐसे ही भावों की अभिव्यक्ति है । ये कभी सुखद अनुभूति बन कर पाठक के हृदय को आनंदित करती हैं तो कभी उसके नेत्रों में अश्रु बिंदु बन कर झिलमिला उठती हैं और कभी मंद मलय समीर का झोंका बन कर अंतर्मन को सहला देती हैं । ये द्विपदियां वे मीठी चुटकियां हैं जो पाठक के सुषुप्त मन को झिझोड़ कर अपनी उपस्थिति का आभास करा जाती हैं । पुस्तक पठनीय तथा संग्रहणीय भी है
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- ISBN-13 : 9789355359650
- Reading Age : 3 Years And Up
- Country Of Origin : India
- Generic Name : Book
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Description
“कवियित्री का परिचय
नाम – डॉ. रंजना वर्मा
जन्म – 15 जनवरी 1952, शहर जौनपुर में ।
शिक्षा- एम.ए. (संस्कृत,प्राचीन इतिहास) पी.एच.डी. (संस्कृत)।
लेखन एवम् प्रकाशन – वर्ष 1967 से देश की लब्ध प्रतिष्ठ पत्र पत्रिकाओं में, हिंदी की लगभग सभी विधाओं में । कुछ रचनाएँ उर्दू में भी प्रकाशित ।
प्रकाशित कृतियाँ – साईं गाथा (महाकाव्य) । अश्रु अवलि, सर्जना, समर्पिता, सावन, कैकेयी का मनस्ताप, वैदेही व्यथा, संविधान निर्माता, द्रुपद-सुता, सुदामा, (सभी खण्ड काव्य) । चन्द्रमा की गोद में, पोंगा पंडित (बाल उपन्यास), समृद्धि का रहस्य, चुनमुन चिरैया, जादुई पहाड़ (बाल कथा संग्रह), मुस्कान (बाल गीत संग्रह), फुलवारी (शिशु गीत संग्रह) । जज़्बात, ख्वाहिशें, एहसास, प्यास, रंगे उल्फ़त, गुंचा, रौशनी के दिए, खुशबू रातरानी की, ख़्वाब अनछुए , शाम सुहानी, यादों के दीप, मंदाकिनी, आस किरन, बूँद बूँद आँसू (सभी ग़ज़ल संग्रह)। गीतिका गुंजन, सरगम साँसों की, रजनीगन्धा, भावांजलि, पुष्पवल्लरी (गीतिका संग्रह), सत्यनारायण कथा (पद्यानुवाद)। मुक्तक मुक्ता, मुक्तकाञ्जलि, मन के मनके, बोले रे पपीहरा (सभी मुक्तक संग्रह) । दोहा सप्तशती, दोहा मंजरी (दोहा संकलन) । एक हवेली नौ अफ़साने, रास्ते प्यार के, अमला, पायल, अँजोरिया, मर्डर मिस्ट्री, भुतहा किला, अँगना कँगना, जल बिच मीन पियासी, सई, अतीत के पृष्ठ, आहों के फूल, रुद्रायन1 हिमाद्रि की छाया में, रुद्रायन – 2 अद्भुत अघोरी, रुद्रायन 3 – लौट आओ रुद्र, कृष्ण कथा – १ अवतरण, कृष्ण कथा – २ कर्मक्षेत्रे, कृष्ण कथा – ३ लीला संवरण (उपन्यास)। सूर्यास्त, सिंधु-सुता, परी है वो, नानी कहे कहानी, दशावतार , मन्दिर के पट ( कहानी संग्रह ) अंतराल (लघुकथाएँ)। साँझ सुरमयी, गीत गुंजन, गीत धारा, मीत के गीत, आ जा मेरे मीत, तुम बिन,संसृति – सुषमा (सभी गीत संग्रह) । बसन्त के फूल (कुण्डलिया संग्रह। चुटकियाँ (कह मुकरी संग्रह), फूल हरसिंगार के (माहिया तथा त्रिपदी संग्रह), मोती बिखर गये (द्विपदी संग्रह)। । कविता कानन, कविता कौमुदी, मन की उड़ान (कविता संग्रह) चुटकी भर रंग, जुगनू (दोनों हाइकु संग्रह)। चंदन वन (तांका संग्रह), इंद्रधनुष (चोका संग्रह), मेहंदी के बूटे (सेदोका संग्रह), नयी डगर (वर्ण पिरामिड संग्रह) झोंके सुगन्ध के (क्षणिकाएँ )।
सम्पादन – मन के मोती, मकरंद , सौरभ, मौन मुखरित हो गया (चारो कविता संग्रह ), अँजुरी भर गीत (गीत संग्रह), शेष अशेष (स्मृति ग्रन्थ), हास्य प्रवाह (हास्य व्यंग्य कविताओं का संग्रह, थूकने का रहस्य, करामाती सुपारी (दोनों हास्य व्यंग्य संग्रह)।
प्रसारण – गीत, वार्ता, तथा कहानियों का आकाशवाणी, फैज़ाबाद से समय समय पर प्रसारण ।
सम्मान – श्रीमती राजकिशोरी मिश्र सम्मान, श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति सम्मान, काव्यालंकार मानद उपाधि, छन्द श्री सम्मान, कुंडलिनी गौरव सम्मान, ग़ज़ल सम्राट सम्मान, श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, मुक्तक गौरव सम्मान, दोहा शिरोमणि सम्मान, सिंहावलोकनी मुक्तक भूषण सम्मान,दोहा मणि सम्मान तथा अन्य।
सम्प्रति – सेवा निवृत्त प्रधानाचार्या( रा0 बा0 इ0 कालेज जलालपुर, जिला अम्बेडकरनगर उ0 प्र0) से।
सम्पर्क सूत्र – ranjana.vermadr@gmail.com
Additional information
Dimensions | 5.2 × 8.2 cm |
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