NEEL KOTHI KA KHANDHAR : Bal Man ki Kahaniyan

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“लेखक, कवि कलाकार जैसे चिंतनशील मनीषियों के लिए उनकी रचनाएं स्वांत: सुखाय का निमित्त बन जाती हैं । प्राय: ढलती उम्र के पड़ाओ पर उनका स्वांत: सुखाय दूसरों के लिए भी आत्मतुष्टि का कारण बनता है । ऐसा लेखन ही एक सच्चे लेखक की नियति और पहचान बन जाता है।

प्रस्तुत बाल कहानियों के संग्रह के अलावा सुरेश कौशिक ने बच्चों के लिए कई रोचक और मनोरंजक कविताएं और कहानियाँ भी लिखी हैं समय-समय पर जिनका प्रकाशन पत्र-पत्रिकाओं में होता रहा है। जिन्हें पढ़कर लगता था कि बाल-मनोविज्ञान पर लेखक की पकड़ मजबूत है । उनके बड़े भाई श्री रमेश कौशिक..जो कि एक जाने-माने कवि थे, उनके घर बैठ कर हमलोग सुरेश जी की रचनाओं का भरपूर स्वाद लिया करते, जो कि बच्चे, युवा और वृद्धों को भी आकर्षित कर जाती ।

जीवन के अंतिम पड़ाव पर अपने सुख-संतोष के लिए अब उनका यह बाल कथा संग्रह प्रकाशित होने जा रहा है । जिसमें कुछ नई कहानियाँ-मुर्गे की चोरी, नील कोठी का खंडहर, महुआ काका, पड़ोसी, देवदूत, आदि कहानियाँ संकलित हैं, जहां पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, भूत-प्रेत और अंध-विश्वास जैसी स्थितियों पर लेखक ने कलम चलाई है । बाल-मनोविज्ञान पर लिखी ये कहानियाँ निश्चय ही हर उम्र के पाठकों को एक नई स्फूर्ति और प्रेरित करने वाली हैं ।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing (07 December 2022)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 40 pages
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355355997
  • Reading age ‏ : ‎ 3 years and up
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 5 × 8 cm

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