Pustakon Ki Upadeyata, by(Narayan Prasad Ranade)

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पुस्तक प्रत्येक सभ्यता और संस्कृति को दर्शाने वाला वह शीशा है जिसमे देख कर अपनी प्रारंभिक ज्ञान धाराओं से अनुभव अर्जित कर। वर्तमान को गढ़ा जाता है। भावी पीढ़ी यो के लिऐ ज्ञान धाराओं का धरोहर शौंपा जाता है। इसलिए हर युग में पुस्तको की उपादेयता ज्ञान धाराओं के लिए स्थायी सम्पदा है।

Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing
Language ‏ : ‎ Hindi
ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355357762
Reading Age ‏ : ‎ 3 Years And Up
Country Of Origin ‏ : ‎ India
Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

“नाम- नारायण प्रसाद रानाडे
जन्म – 18.08.1945
जन्मस्थान – ग्राम मन्टी जिला बरघाट, सिवनी (म.प्र.)
शिक्षा – एम.ए.हिन्दी, डिप्लोमा इन टीचिंग, पी.एच.डी. स्कालर
माता – स्व. सूमादेवी
पिता – स्व. खेमराज जी
संप्रति – शासकीय सेवा शिक्षक केवल 7 वर्ष 1969 से 1977 तक, 1971 में।
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, परम पूज्य गुरुदेव से दीक्षा वालाघाट 108 कुण्डीय गायत्री यज्ञ में, तब से सतत विभिन्न स्तर के सभी साधनाओ, शिविरों में भागीदारी । 1977 में गुरुदेव के आव्हान पर शासकीय सेवा से त्याग पत्र देकर स्थायी रूप से शांतिकुंज हरिद्वार में मिशन की सेवा में रत । पत्रिका संपादन, लेखन, कार्यालयीन दायित्व, आवास व्यवस्था, टोलयों के कार्यक्रमों में जाना, शिक्षण, प्रशिक्षण आदि सेवा में समर्पित । पावन अश्वमेघों की श्रृंखला में 12 स्थानों के अश्वमेघों में सेवा का अवसर प्राप्त । वर्ष 2000 से वर्ष 2009 तक पूर्णकालिक मौन, ताप, साधना के साथ चान्द्रायण आदि व्रतों का पालन । वर्ष 2009 के बाद से देश के अधिकांश जोन, उपजों में शांतिकुंज के निर्देशानुसार सेवा कार्य किया जा रहा है ।

Additional information

Dimensions 5.2 × 8.2 cm

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