Ram Bhakt Shabari : Khandkavya by (Gajanand Digoniya ‘Jigyasu’)
₹180.00
“वर्तमान में समाज में फैल रहे असहिष्णु रिश्तो के दौर में समाज को जो पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के लोग हैं, जोड़ने हेतु यह मेरा प्रथम प्रयास है जिसमें एक दलित जो घने जंगलों में निवास करती है ,जिसके आसपास दूर-दूर तक कोई भी व्यक्ति नहीं है और वह सिर्फ राम की प्रतीक्षा में है, ऐसी दलित और पिछड़ी जिंदगीयों के बारे में दृष्टिपात किया है, लेखक का यह प्रयास आप सबको जरूर पसंद आएगा।
वहीं दूसरी और धर्म से लोग बिछड़ते जा रहे हैं वे अपने संस्कार रीति-रिवाज भूलते जा रहे हैं, परिवार में व्यक्त आक्रोश , घुटन व्यर्थ की चकाचौंध, श्रद्धा और सबुरी खोते लोग, इन सारे बिंदुओं पर रचनाकार ने कुशलता से अपनी कलम चलाने का प्रयास किया है।
”
- Publisher : Booksclinic Publishing (08 October 2022)
- Language : Hindi
- Paperback : 98 pages
- ISBN-13 : 9789355355539
- Reading age : 3 years and up
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
100 in stock (can be backordered)
Description
“कवि गजानंद डिगोनिया “”जिज्ञासु””
एक ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं, जिनका जीवन प्रकृति की हरी-भरी वादियों में बीता है। इनकी परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उन्होंने बड़े ही संघर्ष मय जीवन जिया है।
लेखक को बचपन से ही पढ़ने में गहरी रुचि थी, पढ़ाई के साथ साथ सकारात्मक एवं क्रियात्मक कार्य को करने में विशेष रूचि थी जिनमें चित्रकारी मौलिक रचना इनका प्रमुख विषय रहा।
बचपन से ही काव्य में गहरी रूचि होने के कारण ये छोटे-छोटे पदों की रचना किया करते थे। आगे चलकर बौद्धिक पुरानी विकास होने के बाद काफी को अपना क्षेत्र माना और विभिन्न विषयों पर कलम चलाना शुरु की।
जिसमें संवेदना प्रमुख विषय रहा इसके अलावा श्रृंगार गीत, राष्ट्रीय गीत,गजल ,कहानियां आदि विधाओं में आपने अनवरत रूप से रचनाकर्म करते रहे हैं।
लेखक का सपना है कि समाज का सही मार्गदर्शन हो सके और आप चाहते हैं कि समाज के लिए कुछ बढ़िया कर सकूं।
इस हेतु राम काव्य पर आधारित,राम भक्त “”शबरी””खंडकाव्य का लेखन कार्य प्रारंभ किया।
“
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.