Ram Kathamrit : Prabandh Kavya by (Dr. Brajvihari Lal Birju)
₹180.00
“(रामकथामृत)
साहित्य मनीषियों के मतानुसार अब तक उपलब्ध काव्यमय रामकथाओं की गणना दो सौ से अधिक मानी जाती है। इस पुनीत सृजन में सर्वान्तर्यामी प्रभु श्रीराम, उनकी परम आह्लादिनी शक्ति श्री सीताजी तथा भ्राताओं श्री भरत, श्री लक्ष्मण तथा श्री शत्रुघ्न के साथ परिजन तथा पुरजनों के प्रति अकिंचन का एक विनम्र प्रयास है। अवध के राजभवन से प्रारम्भ होकर यह प्रबंध काव्य “”वनवासी राम”” की प्रभुतामयी लीलाओं के साथ असुर-अधमों के संहार के उपरांत “”राम राज्य”” की उद्घोषणा के साथ समाप्त होता है।राष्ट्रकवि श्री मैथिलिशरण जी के शब्दों में
“”राम तुम्हारा वृत्त स्वयं ही काव्य है, कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है””।”
- Publisher : Booksclinic Publishing (20 December 2022)
- Language : Hindi
- Paperback : 104 pages
- ISBN-13 : 9789355356963
- Reading age : 3 years and up
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
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Description
” डाॅ ॰ ब्रजविहारी लाल वर्मा ’बिरजू’ की शैक्षणिक योग्यता – एम• ए• (हिंदी एवं संस्कृत), बी• एड• ,संगीत प्रभाकर , पीएच०डी०शोध विषय – “” आधुनिक ब्रजभाषा काव्य में सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना “” निर्देशक – डाॅ ॰ खुशीराम शर्मा (विभागाध्यक्ष हिन्दी आगरा कालेज ,आगरा)
साहित्य सृजन – खड़ी बोली एवं ब्रजभाषा में मुक्तक एवं प्रबन्ध काव्यों का प्रणयन, साहित्यिक निबन्ध, वार्ता एवं कहानी लेखन , लोक विधा में – लोकगीत, लोकनाट्य, नौटंकी लेखन , आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण ,लगभग 20 ग्रंथों / पुस्तकों का प्रणयन । संस्कृत महाकाव्यों – रघुवंशम, मालविकाग्निमित्रम् ,श्रीमद् भगवत गीता शतकत्रयी का काव्यानुवाद । विविध पुस्तकों की समीक्षा, साहित्य तथा गीत संगीत में विशेष अभिरुचि, अखिल भारतीय मंचों से काव्यपाठ, उत्तर प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा लोक कलाकारों एवं लोक गाथाकारों के सर्वेक्षण हेतु नामित।”
Additional information
Dimensions | 5 × 8 cm |
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