Rang Birangi Pencilen , Baal Kavita Sangrah BY (Kishan Tandon Kranti )

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“कवि, लेखक, विचारक एवं प्रशासनिक अधिकारी- साहित्य वाचस्पति श्री किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा रचित बाल कविता संग्रह : रंग- बिरंगी पेंसिलें कविताओं का एक ऐसा गुलदस्ता है, जो समग्र संस्कृति को प्राचीनता से लेकर आधुनिकता तक और फिर राष्ट्रीयता से लेकर विश्व पटल तक जोड़ता है।

इसका विषय धरती से लेकर अनन्त आकाश तक फैला हुआ है, जहाँ मनमोहक हरियाली, झर-झर झरते झरने, कल-कल करती नदियाँ, रंग-बिरंगी मछलियाँ, पशु-पक्षियों की बोलियाँ, कागज, कलम, किताब, चाँद-सितारे, बन्दर, मदारी, राजा-रानी, गुड्डे-गुड़िया, परी, तितली, पतंग, चूहा, बिल्ली, साँप और सपेरा से लेकर आसमान में फैले इन्द्रधनुष तक सब कुछ है। यहॉं इतिहास नहीं, केवल भूगोल और वर्तमान है।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 136 pages
  • ISBN-13     : 9789355355980
  • Reading age ‏ : ‎ 3 years and up
  • Country of Origin ‏ : ‎ India

वर्तमान परिपेक्ष में बाल साहित्य पर पुस्तक प्रकाशन भी दुस्साहसपूर्ण चुनौती है। उपेक्षा के इस वातावरण में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराता हुआ बाल साहित्य लेखक- साहित्य वाचस्पति श्री किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा रचित ‘रंग-बिरंगी पेंसिलें’ बालकों को शिक्षा और मनोरंजन प्रदान करता हुआ संवेदनापूर्ण संस्कार की धरती पर अवस्थित कर देता है।

इस संग्रह की समस्त कविताएँ एवं गीत बच्चों को लुभाने की पूरी कोशिश करता है और बच्चों के कोमल हृदय में गहराई तक उतर कर मानस पटल पर छा जाता है। हर एक कविता एवं गीत का सार्थक सन्देश है। इन कविताओं एवं गीतों के रंग से केवल बच्चे ही नहीं भीगेंगे, बल्कि बड़े-बड़ों भी भावविभोर होकर हर्षित हुए बिना नहीं रह सकेंगे।

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Description

“कवि, लेखक, विचारक एवं प्रशासनिक अधिकारी- साहित्य वाचस्पति श्री किशन टण्डन क्रान्ति के साहित्य के अध्ययन एवं प्रणयन की ओर बचपन से रुचि रही है। कई बार पथरीले पथ पर चलते हुए उनके पाँव लहूलुहान हो जाते हैं, परन्तु उन्होंने लक्ष्य की ओर बढ़ना नहीं छोड़ा।एक सशक्त संकल्प एवं भावुक हृदय लिए उबड़-खाबड़ रास्ते पर वे निरन्तर बढ़ते गए हैं।

श्री किशन टण्डन क्रान्ति बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न साहित्यकार हैं। वे पद्य और गद्य की लगभग सभी प्रमुख विधाओं में लेखनी चलाते हैं। कविता, गीत, ग़ज़ल, बाल-कविता, हास्य-व्यंग्य, लघुकथा, कहानी तथा उपन्यास इत्यादि विधाओं में सृजन करते हैं। हिन्दी के साथ ही साथ मातृबोली छत्तीसगढ़ी में भी लिखते हैं। उनका साहित्यिक कैनवास बहुत व्यापक है, जिसमें विविध समाहित हैं।

अब तक उनके 11 काव्य संग्रह (जिसमें 2 छत्तीसगढ़ी कविता- संग्रह भी शामिल हैं), 2 हास्य व्यंग्य-संग्रह, 2 बाल कविता-संग्रह, 1 ग़ज़ल संग्रह, 5 कहानी-संग्रह, 3 लघुकथा-संग्रह एवं 2 उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। वेश्यावृत्ति के सन्दर्भ में सेक्स वर्करों की दर्द में डूबी जिन्दगी के बारे में आपके द्वारा रचित “”अदा”” उपन्यास विश्व में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले उपन्यासों में से एक हैं।

श्री किशन टण्डन क्रान्ति को उत्तरप्रदेश वीरभाषा साहित्यपीठ से “”साहित्य वाचस्पति सम्मान”” जैसे दुर्लभतम राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जो उनके कृतित्व एवं बहुरंगी लेखन के साक्षी हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय, राज्यीय एवं अन्तर्राज्यीय स्तर के कुल 14 सम्मान एवं अलंकरण प्राप्त हो चुके हैं।

Additional information

Dimensions 5 × 8 cm

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