Sakratmakata Hi Jivan Ka Pathey, By(Dr. Digvijay Kumar Sharma)

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हमारा जीवन अनेक जटिलताओं से भरा हुआ है अगर हम नकारात्मक सोचेंगे तो यह जीवन सिमट कर शून्य हो जायेगा। और अगर हम सकारात्मक सोचेंगे तो हम अधिक जीवन जी सकते है। किसी भी बीमार व्यक्ति को सकारात्मक रेसपोंस देंगे तो वह स्वयं को स्वस्थ्य महसूस करेगा यही पुस्तक का ध्येय है। सभी सुखी और सानन्द रहें। इस पुस्तक को पढ़ने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और वह स्वयं को स्वस्थ रखेगा। यही सकारात्मकता ही जीवन का पाथेय है।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355358066
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years And Up
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

“वर्तमान समय के लब्धप्रतिष्ठित युवा शिक्षाविद्, प्रखर ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी, साहित्यकार, स्तम्भ लेखक, गम्भीर चिंतक, समाजसेवी डॉ. दिग्विजय कुमार शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च उपाधि डी. लिट्. प्राप्त की है। इनको बचपन से ही हनुमान चालीसा, रामायण, भगवतगीता आदि पुस्तकों को पढ़ने और लिखने की रूचि का ही प्रतिफल है की आज अनेक पत्र – पत्रिकाओं में इनकी मौलिक रचनाएँ एवं स्तरीय लेख प्रकाशित होते रहे हैं। सभी विधाओं में इनकी लेखनी को पाठकों द्वारा सराहा गया है। नवीन विषयों पर इनकी अनेक पुस्तकें भी प्रकाशित हैं। उनमें से यह भी एक पुस्तक “”सकारात्मकता ही जीवन का पाथेय”” जो आप सभी के सामने आ रही है जिसमें अनेक शंकाओं से ग्रसित जीवन के निम्न बिंदुओं को उनके प्रश्नों के समाधान खोजने का भरसक प्रयास किया गया है। यह कृति सभी के जीवन में सकारात्मकता की ऊर्जा का संचार कर एक नया पाथेय प्रदान करेगी। इसे पढ़कर सभी स्वस्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेगें।

Additional information

Dimensions 5.5 × 8.5 cm

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