Sugbugahat BY (Dr. Vanshidhar Tiwari “Vishwavallabh” )
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“बीसवीं सदी से हम ईक्कीसवीं सदी में प्रवेश किये। एक नई आशा, नये विश्वास, नये जोश और नये उमंग लिए, मगर एक दशक तक पूर्व की तरह ही झेलते रहे।
संयोगवश समय की गति में परिवर्तन आया, भारत के भाग्य ने करवट लिया। एक संयोग आ पहुँचा। भारत का नेतृत्व परिवर्तन हुआ। एक सुयोग्य नेतृत्व मिला। एक राष्ट्रहित की विचारधारा सत्ता में सत्ताशीन हुई। भारतीय जनता में जागृति आई, जनता ने अपना भरपूर समर्थन दिया। फिर प्रारम्भ हुआ राष्ट्रहित, समाजहित, सभ्यता और संस्कृति के हित कार्यों का सम्पादन और भरपूर प्रयास।
”
- Publisher : Booksclinic Publishing (5 January 2023)
- Language : Hindi
- Paperback : 181 pages
- ISBN-13 : 9789355357205
- Reading age : 3 years and up
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
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Description
“”लेखक परिचय
डॉ. वंशीधर तिवारी “विश्ववल्लभ” हैं जो एक चर्चित काव्य लेखक, उपन्यास लेखक, कहानी लेखक, नाटक लेखक, धार्मिक ग्रंथ लेखक एवं सामाजिक कहानी व निबंध लेखक एवं काशी विद्वद परिषद, भोजपुर बिहार शाखा के उपाध्यक्ष हैं।
इनकी रचनाएँ कई प्रकाशनों से प्रकाशित होती रही हैं जो आप पाठकों में से कई लोगों के हाथों अवश्य प्राप्त हुई होंगी। इनकी रचनाओं के कुछ प्रसिद्ध नाम जैसे-प्रत्यायक, नवरतन, दुर्गति माई बाप के, पढ़लकी पतोह, दुर्गा सप्तशती (हिन्दी), दो धर्मो का संगम, युद्ध झेलता भारत, संस्कृति के दो फूल, पार्यावरण परिचय, झुकती मीनारें, फूटती किरणें, सुलगते अरमान, वंशीधर-दोहावली, बदलती दुनिया, सुगबुगाहट इत्यादि हैं।
बिहार के एक छोटे से गाँव मिसिरकरमा में जन्मे डॉ. वंशीधर तिवारी साहित्य के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं सामाज चिंतक हैं। काव्य की पंक्तियों के माध्यम से अपने भावों को प्रगट करना, निबंधों के माध्यम से विचारों को रखना, उपन्यास जैसे कृतियों के माध्यम से समाज को संदेश देना, नाटकों की रचना कर समाजिक परिदृश्य मुखरित करना इनकी खासियत है।
संपादक
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Additional information
Dimensions | 5.2 × 8.2 cm |
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