Tathagata Buddha Dhamma Va Dham BY (Shripati Prasad Chowdhary “Shri”)

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“संसार को सत्य ज्ञान प्रकाश से आलोकित करने वाले तथागत बुद्ध के पुण्यमयी जन्म स्थली व क्रीड़ास्थली क्षेत्र का निवासी होने का गौरव प्राप्त होने के कारण बचपन से ही तथागत बुद्ध तथा उनके सद्धम्म के प्रति उत्सुकता बनी रही। युवावस्था में अनेक बार कपिलवस्तु व लुम्बनी जैसे पवित्र स्थल का भ्रमण सायकिल द्वारा किया था। तथागत के शान्ति व करुणामयी छवि मन मस्तिष्क में सदैव विराजमान रही। फलस्वरूप अपने जीवन को आडम्बररहित, सादगी व सदाचरण के साथ जीने का भरसक प्रयास किया। सेवा से अवकाश प्राप्त होने के पश्चात् पुनः एक बार बौद्ध तीर्थ धामों की यात्रा करने की प्रबल इच्छा जागृत हुई जिसके कारण बौद्ध धामों व धम्म से परिचित होने का सुअवसर प्राप्त हुआ। इन्हीं धम्म यात्राओं से जिज्ञासा हुई कि तथागतबुद्ध से सम्बन्धित धम्म व धामों के बारे में सरल भाषा में लेखन कार्य प्रारम्भ किया जाय जिसके विषयवस्तु से जन सामान्य के जिज्ञासुओं की तृप्ति हो सके।
लुम्बिनी कानन, तथागतबुद्ध की जन्म स्थली है तो कपिलवस्तु क्रीड़ास्थली है। तथागत बुद्ध ने बोधगया में सर्वश्रेष्ठ सम्यक सम्बोधि लाभ प्राप्त करके सारनाथ में अपने सद्मार्ग का प्रचार-प्रसार किया था। अन्त में तथागत कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त हुए थे। श्रावस्ती, राजगृह, वैशाली जैसे महत्वपूर्ण धामों में वर्षावास करके धम्मोपदेश दिया था। ये सभी धाम बौद्ध जगत के लिए परम पावन व श्रद्धा का केन्द्र है जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में धर्मावलम्बी, श्रमण, उपासक व पर्यटकों का आवागमन होता है। तथागत के सद्धम्म जो विश्व को शान्ति, अहिंसा, मैत्री, करुणा और सहिष्णुता का संदेश देता है से परिचित होते हैं।”

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing (23 January 2023)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 216  pages
  • ISBN-13 ‏ : ‎    9789355357816
  • Reading age ‏ : ‎ 3 years and up
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 6 × 9 cm

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