Trishit Urmiyaan Antas ki(Geet Sangrah), By (Santosh Kumar Shrivas)

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“मैं मूलतः श्रृंगार पर ही लिखता रहा हूं और विशेष कर सौंदर्य पर फिर चाहे प्रकृति हो,स्त्री सौंदर्य हो,या कि दैविक सौंदर्य या कहें आध्यात्मिक सौंदर्य, सुन्दरता सदैव प्रिय ही रहा है।
प्रकृति का मानवीकरण ओह क्या कहने,ऐसा नहीं है कि मैंने अन्य विषयों पर नही लिखा पर सौंदर्य पर अधिकांशतः रचनायें लिखी हैं ।
मैं कोई कुशल साहित्यकार तो नहीं हूँ और ना ही छंद, अलंकारों का व्यापक ज्ञान है परन्तु मन के तृषित भाव जब अकुलाते हैं तब स्वतः ही भाव, शब्दों का संग पाकर निर्झरिणी सी मन में बहने लगती है ,और मेरा मानना है कि निर्बंध होकर बहना ज्यादा सुखद और सहज है।
श्रृंगार पर मेरी “”नेह-निर्झर “”और “”प्रीति की अनुगामिनी तुम “”शीर्षक से गीत संग्रह शीघ्र प्रकाशित हो रही है।
इसके अतिरिक्त मन के विविध भाव पर लिखी मेरी इस पुस्तक में ईश्वर,आस्था,
प्रेम,त्याग,बलिदान,भूख,पीड़ा,और जीवन के अन्य प्रसंग भी समाहित हैं ।”

Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing
Language ‏ : ‎Hindi
ISBN-13 ‏ : ‎ 9789355358394
Reading Age ‏ : ‎ 3 Years And Up
Country Of Origin ‏ : ‎ India
Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

“””छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिलान्तर्गत ग्राम-भदौरा में ग्राम्य परिवेश में पले-बढ़े और सहज-सरल किंतु अन्तर्मुखी एवं संकोची प्रवृत्ति के कारण ज्यादा लोगों से मेल-मुलाकात या संपर्क का अभाव सदैव ही रहा, साहित्य के प्रति अभिरुचि स्कूली शिक्षा के समय से ही रही,लेकिन इनके लेखन का प्रारंभ सन्-2019 से हुआ।
स्कूली शिक्षा के पश्चात इन्होंने गुरु घासीदास विश्व विद्यालय से इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और वर्तमान में दक्षिण पूर्वी कोयला प्रक्षेत्र के आधीन कुसमुंडा परियोजना में डाटा ईन्ट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं ।”””

Additional information

Dimensions 5.5 × 8.5 cm

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