Tum Se BY (Yashaswi Sahu)
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“इक लड़की थी दीवानी सी…एक लड़के पे वो मरती थी..
ये प्रेम कहानी आप सभी ने सुनी है, लेकिन काश! वो लड़की इस बार भी इस लड़के पे कुर्बान हो जाती, काश!
मेरी कहानी तुमसे शुरू होकर सिर्फ तुम-पर ही रह जाती है। खुद को भी नही जानता था, तब से तुमको जाना है। वो उम्र नही थी तुम्हारे, मेरे जीवन मे आने की, लेकिन तुमने एक ऐसी दस्तक दी कि मैं खुद को पहचानने लगा। ऐसा कई बार हुआ कि हमारी ये कहानी सिर्फ कहानी बनते नज़र आई, लेकिन किस्मत ने हमे साथ रखा। ये किस्मत ही है जिसने हमे एक-दूजे से बांधे रखा। तुमसे मेरा जुड़ाव इस कदर हो गया कि आज तुम्हारे बिना मैं खुद को महसूस नही कर पा रहा हूँ। ये कैसा खेल है किस्मत का? मैंने तुम्हें नही मांगा, फिर मुझे ही क्यो मिली? और जब मिल गयी मुझे, तो किसने छीन ली? शायद मुझे एक और कहानी लिखनी थी, सिर्फ इसीलिए मुझे तुमसे प्यार हुआ। किसी और से कोई शिकवा नही, तुमसे भी नही, शिकवा तो सिर्फ खुद से है। प्रेम-पत्र का ज़माना नही रहा था, जब तुमसे मिला था, आज मेरी ये किताब तुम्हे समर्पित है, साथ मे यह प्रेम-पत्र भी।
है रौशनी से क्या नाराज़गी तेरी
जो तु बाहर नही आती
है बारज़े से क्या दुश्मनी तेरी
जो तु बाल नहीं सुखाती
तेरे एक मंज़र को तकने मै रोज़ आता हूँ
धूप बारिश में पलकें बिछाता हूँ
भीगे पसीने मे सने धूल मे, मैं ऱोज बिकता हूँ
मै अब भी तेरी ख़ङिकी से दिख़ता हूँ
मै अब भी तेरी खिड़की से दिखता हूँ”
- Publisher : Booksclinic Publishing
- Language : Hindi
- Paperback : 75 pages
- ISBN-13 : 9789391046477
- Reading age : 3 years and up
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
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Additional information
Dimensions | 5.5 × 8.5 cm |
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