Yog Chikitsa , Yog Se Sambhav Hai Jatil Bimariyon Ka Upachar BY (Dr. Milindra Tripathi)

200.00

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎  159 pages
  • ISBN-13 ‏ : ‎    9789390871803 
  • Reading age ‏ : ‎ 3 years and up
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

“योग गुरु डॉ. मिलिन्द्र त्रिपाठी का जन्म 10 सितंबर 1988 को उज्जैन मध्यप्रदेश में मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ। उच्च शिक्षित डॉ. मिलिन्द्र त्रिपाठी बहुमुखी प्रतिभा के धनी है वे योगगुरु, लेखक, कवि, पत्रकार, कुशल वक्ता, प्रबंधक, समाजसेवक भी है। भारत सरकार द्वारा योग को स्पोर्ट्स की मान्यता प्रदान करने के बाद देश मे आयोजित प्रथम योग स्पोर्ट्स प्रतियोगिता के आप स्टेट जज के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर चुके है।
वर्तमान में वे प्रतिष्ठित उज्जैन योग इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर है। मध्य भारत की सबसे बड़ी योग संस्था उज्जैन योग संघ के सचिव एवं नेशनल योग टीचर कौंसिल के प्रदेश अध्यक्ष भी है। योग स्पोर्ट्स फेडरेशन ट्रस्ट ऑफ इंडिया के आप राष्ट्रीय प्रवक्ता है।
उनकी संपूर्ण विद्यालयीन शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। जहां नियमित योग सिखाया जाता था। यही से उनकी योग यात्रा की शुरुआत भी हो गयी बाल्यकाल से ही योग के प्रति रुचि होने से वे नियमित योग साधना करने लगे। जिसका सकारात्मक असर उनकी शिक्षा में साफ नजर आने लगा एक कमजोर छात्र से वे मेधावी छात्र में परिवर्तित हो गए। एक बेहद संवेदनशील समाजसेवक के रूप में उज्जैन संभाग में उनकी प्रतिष्ठा दिन ब दिन बढ़ती गयी। समय के साथ उन्होंने महसूस किया कि मानव जाति अनेक घोर बीमारियों से पीड़ित है और उसकी गरीबी के पीछे के प्रमुख कारणों में उसका अस्वस्थ होना भी एक बड़ा कारण है। अनेक भारतीय परिवारों का आमदनी से ज्यादा खर्च बीमारियों के इलाज एवं दवाओं के खर्च में जाता है। यही से मानव सेवा हेतु डॉ. त्रिपाठी ने योग चिकित्सा द्वारा रोगों के निदान हेतु परामर्श देना एवं प्रायोगिक रूप से वैज्ञानिक आधारों पर योग कराकर अनेक रोगों में सकारात्मक परिणाम नागरिकों को प्रदान किये है। जिसका सबसे बड़ा प्रमाण था बीमारियों से पीड़ितजनों की चिकित्सकीय रिपोर्ट जिसमे प्रति माह सकारात्मक बदलाव साफ नजर आने लगे।
इस पुस्तक में वर्णित उनके लेखों में उनके धरातलीय अनुभव की झलक साफ नजर आती है। सिर्फ सारगर्भित बातों को सरल भाषा मे लिखने के कारण ही आज उनके पाठकों की संख्या दुनियाभर में 3 लाख 72 हजार से भी अधिक है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद यदि आप सेल्फी लेकर उनके वाट्सएप नम्बर 9977383800 पर भेजते है तो निशुल्क ऑनलाइन योग क्लास द्वारा वे आपको परामर्श प्रदान करेंगे।”

Additional information

Dimensions 5.5 × 8.5 cm

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