Srijan by Dr. (Mrs.) Vinod Tiwari

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सुपरिचित साहित्यकार डॉक्टर( श्रीमती )विनोद तिवारी की नवीन पुस्तक ” सृजन ” उनके प्रकाशित और अप्रकाशित लेखों का संकलन है। जिनकी रचना विभिन्न साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक विषयों पर की गई है। इनमें से कुछ लेख जहां एक ओर शोध परक हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लेख आस्था, भक्ति और गुरु की महत्ता की भावना से ओत प्रोत हैं । किसी लेख में आपको लोक संस्कृति व विंध्य के लोक गीतों की झलक मिलेगी तो किसी लेख में लेखिका के नारी अस्मिता के प्रति विचार प्रवाह के झर झर बहते झरने महसूस होंगे । किसी लेख में एक कोख में पलती बेटी के दर्द की अनुभूति होगी तो कहीं लोक संस्कृति , लोक मानस और लोक जनजीवन की सतरंगी छटा उनकी लेखनी बिखेरती हुई दिखेगी।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : Hindi
  • Page : 168
  • Size : 5.5×8.5
  • ISBN-13 ‏ : ‎9789358232820
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years 
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Description

डॉ. (श्रीमती) विनोद तिवारी मध्य प्रदेश की अति प्रतिष्ठित हिन्दी की ख्यातिप्राप्त विद्वान,सुप्रसिद्ध साहित्यकार, शिक्षाविद कवयित्री, लेखिका एवं लोकगीत गायिका रही हैं । वे न सिर्फ मध्य प्रदेश की प्रथम महिला डी लिट हैं बल्कि लोक संस्कृति लोकगीत और बघेली बुंदेली भाषा के तुलनात्मक अध्ययन, लोक संस्कृति बहुत अच्छी जानकार हैं । उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं जिनमें मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा तथा आकाशवाणी के अखिल भारतीय स्तर पर उनके रूपक को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाना आदि प्रमुख हैं । अपने छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय प्राध्यापिका के रूप में किसी जमाने में उनकी पुस्तक “नैतिक शिक्षा” स्कूल एजुकेशन में मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल की गई थी और कुछ रचनाएं उच्च शिक्षा के अंतर्गत महाविद्यालयों में भी छात्रों के अध्ययन में शामिल की गई थीं । उनकी विभिन्न विषयों पर 10 से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं जो पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं । सन 65 से लेकर 80 के बाद तक के दशकों में वे आकाशवाणी भोपाल की बेहद लोकप्रिय गायिका रही है साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के समाचार पत्र पत्रिकाओं में उनके लेख और कविताएं निरंतर प्रकाशित होते रहे दूरदर्शन में भी उनके साक्षात्कार और कार्यक्रम प्रसारित हुए हैं । वे खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की गुणवत्ता निर्धारण समिति के सदस्य भी रही हैं ।

Additional information

Dimensions 5.5 × 8.5 cm

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