Pt. Gangaprasad ji Bajpai : Ek Sansmaran by Chandra Prakash Bajpai

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किसी भी व्यक्ति के योगदान को रेखांकित करना और उनके परिवार और संबद्ध सज्जनों से संस्मरण व कृतित्व-व्यक्तित्व से आपूरित सामग्री जुटाना शोध के जटिल कार्यों में उलझना ही आभासित होता है। इस तथ्य से मैं तब अवगत हो पाया जब प्रातःस्मरणीय पिताश्री गंगाप्रसाद बाजपेयी के व्यक्तित्व व अवदान को खंगालना शुरू किया। जितना मैंने जाना, वह तो कच्चे माल की तरह बिखरी हुई सामग्री थी। यही स्थिति परिवार व आत्मीयजनों से प्राप्त करने पर भी अल्पाधिक रूप में अवस्थित रही। मैंने गुरुदेव डॉ. विनय कुमार पाठक, पूर्व अध्यक्ष (राज्यमंत्री) छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, डॉ. विजय कुमार सिन्हा वरिष्ठ साहित्यकार एवं समीक्षक तथा श्री केशव शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार के सहयोग व मार्गदर्शन से यह सब संभव कर पाया। ये दोनों विभूतियाँ मेरे परिवार से आत्मीय रूप से जुड़े हैं और पिताश्री का स्नेह आशीर्वाद इन्हें सदैव मिलता रहा है।
मेरे पिता इसलिए पूज्य नहीं हैं कि वे मेरे जन्मदाता है बल्कि इसलिए आराध्य हैं क्योंकि उन्होंने मुझे संस्कार दिया और आजीवन मेरा मार्ग-दर्शन भी करते रहे। सभी भाई-बहनों को समान रूप से प्यार-दुलार दिया परिणामतः सभी अपने-अपने क्षेत्रों में नाम रोशन करते हुए समाज में प्रतिष्ठित रहे हैं।

  • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing 
  • Language ‏ : Hindi
  • Page : 299
  • Size : 5.5×8.5
  • ISBN-13 ‏ : ‎9789358232554
  • Reading Age ‏ : ‎ 3 Years 
  • Country Of Origin ‏ : ‎ India
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

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Dimensions 5.5 × 8.5 cm

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