Filter
    • Ragranjan : Lekh Sangarh by Rajendra Ranjan Gaikwad
      Add to cart
      • Ragranjan : Lekh Sangarh by Rajendra Ranjan Gaikwad

      • 300.00
      • राजेन्द्र रंजन भारतीय समाज की समस्याओं को लेकर लिखा गया संग्रह जिसमें आम आदमी से लेकर भारतीय राजनीति समाज धर्म और बदलाव को सकारात्मक भाव से अभिव्यक्त किया गया है । Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing  Language ‏ : Hindi Page :58 Size : 5.5×8.5 ISBN-13 ‏ : ‎9789358236071 Reading Age ‏ : ‎ 3 Years  Country Of Origin ‏ :…
    • Udaan : Mere Kalam Ki by Rani Jangid
      Add to cart
      • Udaan : Mere Kalam Ki by Rani Jangid

      • 199.00
      • पुस्तक के बारे में - ये किस्से है कुछ ऐसी प्रतिभाओ के जो लिपटी है, ज़िम्मेदारियों,परम्पराओं, और समाज की बेड़ियों में। और इन सबके बीच में भी वो लेकर चलती है,अपने उन अरमानों को, सपनो को, और जज़्बातो कों जिनकी बाधा हमेशा समाज का कोई ना कोई तत्व बनकर रह जाता है । वो समाज जो आज तक किसी का…
    • Ram Mamiyaro Garh  by AnjaniKumar ‘Sudhakar’
      Add to cart
      • Ram Mamiyaro Garh by AnjaniKumar ‘Sudhakar’

      • 265.00
      • एक शोधपरक काव्य कृति है जिसमें छत्तीसगढ़ी भाषा का इतिहास, छत्तीसगढ़ी साहित्य व साहित्यकार, दक्षिण कोसल का महाकोशल स्वरुप में श्री राम का योगदान, छत्तीसगढ़ का राम ममियारो रुप को प्रस्तुत किया है। छत्तीसगढ़ी लोक परंपरा,लोक गीत,तर-त्योहार, खेत-खलिहान, प्राकृतिक चित्रण को छत्तीसगढ़ी भाषा में काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर पाठक वर्ग के लिए इस कृति को शोधपरक,ज्ञानवर्धक बना दिया है।यह कृति…
    • Manke Man Ke : Kavya Sankalan by Santosh Kumar Shrivas
      Add to cart
      • Manke Man Ke : Kavya Sankalan by Santosh Kumar Shrivas

      • 180.00
      • यूं तो यह मेरी पांचवीं पुस्तक है जिसमें मैंने अपनी रचनाओं को आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है वैसे इसमें मानवीय जीवन के विविध भावों को शब्दों में ढ़ालने का प्रयत्न किया है और इसमें उनहत्तर रचनाएं संकलित है। इसमें कुछ गीत की शैली में, तो कुछ ग़ज़ल की शैली में और कहीं एक-आध जगह घनाक्षरी के रूप में…
    • Kodand Ram by AnjaniKumar’Sudhakar’
      Add to cart
      • Kodand Ram by AnjaniKumar’Sudhakar’

      • 380.00
      • राम का वह रुप है जिसके लिए उन्हें सनातन की भारत भूमि पर मानव रुप में आना पड़ा। मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा का मरहम लगाने के साथ मानवीय गुणों को नष्ट करने पर उतारू दानवीय प्रकृति का नाश करने राम को अपने शिवत्व से बाहर आ कर रौद्र रुप में कोदंड का प्रयोग करना पड़ा जो सनातन धर्मावलंबियों के…
    • Manav Jati Ka Itihas Aur Vikas Ki Kahani by Gopal Prasad
      Add to cart
      • Manav Jati Ka Itihas Aur Vikas Ki Kahani by Gopal Prasad

      • 115.00
      • मुझे इतिहास पढ़ना और पूर्व के राजवंशों के बारे में जानकारी रखना और दोस्तों से चर्चा करना अच्छा लगता था । घर में बच्चों को इसके बारे में बताता रहता था । कभी कभी पत्नी से झड़प हो जाता था । कहती झूठ का क्यों बक बक करते हैं, ज्ञानी बनते हैं । यदि सच के ज्ञानी हैं, तो किताब…
    • Abhivyakti by Muktinath Tripathi
      Add to cart
      • Abhivyakti by Muktinath Tripathi

      • 230.00
      • आपकी 'अभिव्यक्ति' जब 'कविता-कामिनी' का कलेवर सजा, बल खाती, इतराती, मस्त गयन्दी‌-गति से गमनशील होती है, तो समीक्षक का मन, विवश हो, उसके सम्मोहन से सम्मोहित, कुछ बोलने को 'वाह- वाह' कर, मचल उठता है। मैं भी मचल उठता हूँ, बोलने के लिए---- वाणी की, वीणा से झंकृत, हो वाणी की, फुलझड़ियाँ। भव्य भावना, जोड़ रही है, भावों की, मणि-लड़ियाँ।…
    • Socho jara! insan hain ? : Ek Naitik Evam Vyavaharik Shiksha by Dr. Anita Kurre, Dr. Madan Lal Kurre
      Add to cart
      • Socho jara! insan hain ? : Ek Naitik Evam Vyavaharik Shiksha by Dr. Anita Kurre, Dr. Madan Lal Kurre

      • 300.00
      • मेरी ये पुस्तक “सोचो जरा ! क्या इंसान हैं ?“ आपके हाथों में है। यह पुस्तक समाज में व्याप्त इंसानों के हिंसक व अमानवीय व्यवहार याने गिरता मानवीय मूल्य की ओर ध्यान आकर्षित कराती है। मेरी ये पुस्तक एक आत्मा की तरह सामने आकर अनैतिक, अमानवीय कृत्य पर आवाज उठाते हुए सवाल पूछती है कि, सोचो जरा ! क्या इंसान…
    • Myaar Ki Kalam by Shivam Tarware
      Add to cart
      • Myaar Ki Kalam by Shivam Tarware

      • 275.00
      • मेरी यह किताब पूरी तरह से मेरे जीवन में होने वाली सभी छोटी बड़ी घटनाओं पर या फिर मेरी ख्यालों की दुनिया के हलचल पर आधारित है। जो कुछ भी मैं महसूस करता हु या सोचता हु वह मेरी रचनाओं का हिस्सा बन कर किताब पर उतर जाती है। मैने अपनी किताब "म्यार की कलम" में कही शायरी कही शेर…
    • Thela Mera khatara ! by Tej Narayan
      Add to cart
      • Thela Mera khatara ! by Tej Narayan

      • 250.00
      • Publisher ‏ : ‎ Booksclinic Publishing  Language ‏ : Hindi Page : 144 Size : 5.5×8.5 ISBN-13 ‏ : ‎9789355351135 Reading Age ‏ : ‎ 3 Years  Country Of Origin ‏ : ‎ India Generic Name ‏ : ‎ Book
    • Ek Kavita Tuzyasathi : Kavya Sangrah by Sau. Shubhangi Madan Atkari
      Add to cart
      • Ek Kavita Tuzyasathi : Kavya Sangrah by Sau. Shubhangi Madan Atkari

      • 149.00
      • मी सौ. शुभांगी मदन अतकरी लेखिका म्हणून 'कविता जन्मते तेंव्हा, प्रीत तुझी माझी, अव्यक्त प्रवासी,आई, हृदयातून हृदया पर्यंत, पुस्तकातली शब्द फुले' अशा बऱ्याच काव्यसंग्रहामधून भाग घेतला त्यांच्या पासून बरंच काही शिकायला मिळालं. त्या बरोबरच भारतीय साहित्य व सांस्कृतिक मंच अमरावती विभाग या ठिकाणी जिल्हा संघटक म्हणून काम करते. तिथेही बऱ्याच काव्यसंग्रहांमध्ये भाग घेतला. माझे एकूण दहा प्रातिनिधिक काव्यसंग्रह प्रकाशित आहेत.म्…