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    • Chandan Madhuvan : Kavya Sangrah by Chandra Pal
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      • Chandan Madhuvan : Kavya Sangrah by Chandra Pal

      • 205.00
      • रचयिता श्री चन्द्रपाल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। उनसे वार्ता करने और उनकी रचनाओं को पढ़कर कहा जा सकता है कि उनका विचार और रचना प्रवाह अति विस्तृत है। उनके विचार ही कविताओं में परिवर्तित होकर हमारे समक्ष प्रस्तुत हैं जिसमें दोहा, सवैया, सोरठा, कवित्त इत्यादि छंदों का समावेश है। रचनाकार आदरणीय चन्द्रपाल जी की काव्य संग्रह “चन्दन…
    • Shagufta 	: Gazal Sangrah by Geeta Vishwakarma ‘Neh’
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      • Shagufta : Gazal Sangrah by Geeta Vishwakarma ‘Neh’

      • 300.00
      • ग़ज़ल के माध्यम से संदेश ग़ज़ल का इतिहास सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अनुकूलन और परिवर्तन की कहानी है, क्योंकि इसने अरब से फारस, भारत और उससे आगे तक यात्रा की। इसकी स्थायी अपील कविता और संगीत की सुंदरता के माध्यम से मानवीय भावनाओं और अनुभवों की जटिलताओं को पकड़ने की क्षमता में निहित है। ग़ज़ल का स्पर्श, तासीर और व्यक्तित्व इतनी लुभावनी…
    • Dahakate Angaare by Dr. Shiv Sharan Shrivastav “Amal”
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      • Dahakate Angaare by Dr. Shiv Sharan Shrivastav “Amal”

      • 300.00
      • "दहकते अंगारे" काव्य संकलन की कृति में मेरे प्रथम काव्य संकलन "अंगारों की चुनौती" की सभी 32 कविताओं को संशोधित एवं परिवर्धित करने के साथ ही नवीन कविताओं का समावेश किया गया है। अपनी इस कृति को सुधी पाठकों एवं अपने शुभ-चिंतकों के हाथ में जाते देखकर मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। इस पुस्तक में लगभग सभी सम सामयिक…
    • Mere Alfaaz : Gazal Sangrah by Brajesh Shrivastava
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      • Mere Alfaaz : Gazal Sangrah by Brajesh Shrivastava

      • 175.00
      • ‘मेरे अल्फाज़’......मेरी पहली कविता संग्रह है। ग़्ाज़ल शैली में होने के कारण आप इसे ग़्ाज़ल संग्रह भी कह सकते हैं हालांकि मैंने मात्रा भार, बहर, रदीफ .काफिया जैसी जरूरी बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया। ऊर्दू की तालीम मैंने जरूर ली है लेकिन ग़्ाज़ल लिखने की तालीम कभी हासलि नहीं की। किशोरवय में एक बार रघुपति सहाय यानि कि फिराक…
    • Sumiran : Bhajan Mala by Madan Singh Thakur
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      • Sumiran : Bhajan Mala by Madan Singh Thakur

      • 151.00
      • देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत को भजन कहते हैं। भारतीय संगीत के मुख्य रूप से तीन भेद किये जाते हैं। शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और लोक संगीत। भजन सुगम संगीत की एक शैली है। इसका आधार शास्त्रीय संगीत या लोक संगीत हो सकता है। इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन मूल…
    • Veeraaniyaan : Zindagi Ki Talaash mein by Mukfir Bairwa
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      • Veeraaniyaan : Zindagi Ki Talaash mein by Mukfir Bairwa

      • 255.00
      • यह मेरी पहली कविता संग्रह है , जिसमें प्रकृति, रिश्ते , प्रेम ,संघर्ष , जिंदगी के कटु अनुभव और सफलता का कारवां बयां किया गया है । मानव मन , उसमे उमड़ी भावनाएं जब बरसती है , कविताओं का रूप ले लेती है और यही कविताएं जब पाठको से जुड़ती है , वो जिंदा हो जाती हैं। ये कविताएं मनोरंजन…
    • Udaan : Mere Kalam Ki by Rani Jangid
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      • Udaan : Mere Kalam Ki by Rani Jangid

      • 199.00
      • पुस्तक के बारे में - ये किस्से है कुछ ऐसी प्रतिभाओ के जो लिपटी है, ज़िम्मेदारियों,परम्पराओं, और समाज की बेड़ियों में। और इन सबके बीच में भी वो लेकर चलती है,अपने उन अरमानों को, सपनो को, और जज़्बातो कों जिनकी बाधा हमेशा समाज का कोई ना कोई तत्व बनकर रह जाता है । वो समाज जो आज तक किसी का…
    • Ram Mamiyaro Garh  by AnjaniKumar ‘Sudhakar’
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      • Ram Mamiyaro Garh by AnjaniKumar ‘Sudhakar’

      • 265.00
      • एक शोधपरक काव्य कृति है जिसमें छत्तीसगढ़ी भाषा का इतिहास, छत्तीसगढ़ी साहित्य व साहित्यकार, दक्षिण कोसल का महाकोशल स्वरुप में श्री राम का योगदान, छत्तीसगढ़ का राम ममियारो रुप को प्रस्तुत किया है। छत्तीसगढ़ी लोक परंपरा,लोक गीत,तर-त्योहार, खेत-खलिहान, प्राकृतिक चित्रण को छत्तीसगढ़ी भाषा में काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर पाठक वर्ग के लिए इस कृति को शोधपरक,ज्ञानवर्धक बना दिया है।यह कृति…
    • Manke Man Ke : Kavya Sankalan by Santosh Kumar Shrivas
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      • Manke Man Ke : Kavya Sankalan by Santosh Kumar Shrivas

      • 180.00
      • यूं तो यह मेरी पांचवीं पुस्तक है जिसमें मैंने अपनी रचनाओं को आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है वैसे इसमें मानवीय जीवन के विविध भावों को शब्दों में ढ़ालने का प्रयत्न किया है और इसमें उनहत्तर रचनाएं संकलित है। इसमें कुछ गीत की शैली में, तो कुछ ग़ज़ल की शैली में और कहीं एक-आध जगह घनाक्षरी के रूप में…
    • Kodand Ram by AnjaniKumar’Sudhakar’
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      • Kodand Ram by AnjaniKumar’Sudhakar’

      • 380.00
      • राम का वह रुप है जिसके लिए उन्हें सनातन की भारत भूमि पर मानव रुप में आना पड़ा। मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा का मरहम लगाने के साथ मानवीय गुणों को नष्ट करने पर उतारू दानवीय प्रकृति का नाश करने राम को अपने शिवत्व से बाहर आ कर रौद्र रुप में कोदंड का प्रयोग करना पड़ा जो सनातन धर्मावलंबियों के…
    • Abhivyakti by Muktinath Tripathi
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      • Abhivyakti by Muktinath Tripathi

      • 230.00
      • आपकी 'अभिव्यक्ति' जब 'कविता-कामिनी' का कलेवर सजा, बल खाती, इतराती, मस्त गयन्दी‌-गति से गमनशील होती है, तो समीक्षक का मन, विवश हो, उसके सम्मोहन से सम्मोहित, कुछ बोलने को 'वाह- वाह' कर, मचल उठता है। मैं भी मचल उठता हूँ, बोलने के लिए---- वाणी की, वीणा से झंकृत, हो वाणी की, फुलझड़ियाँ। भव्य भावना, जोड़ रही है, भावों की, मणि-लड़ियाँ।…